Employee Pension Scheme: पेंशनर्स के लिए खुशखबरी, दोगुनी होगी पेंशन?
एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) के तरफ से कैपिंग को हटाने की मांग की गई है.
Employee Pension Scheme: जानकारी के मुताबिक एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) के तरफ से कैपिंग को हटाने की मांग की गई है. जो सुप्रीम कोर्ट के पास विचाराधीन है. दोनों पक्षों के पक्ष को सुन कोर्ट जल्द ही कर्मचारियों के हित में फैसला सुना सकती है.EPS स्कीम के तहत पेंशन के लिए 15000 रुपए हर महीने की सीलिंग या कैपिंग है.
ये है नियम
बता दे की कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% कंट्रीब्यूशन PF में जाता है. कर्मचारी के अलावा इतना ही हिस्सा एम्प्लॉयर के खाते में भी जाता है. लेकिन, एम्प्लॉयर कें कंट्रीब्यूशन में से एक हिस्सा EPS यानि एम्प्लॉई पेंशन स्कीम में जमा होता है. EPS में बेसिक सैलरी का 8.33% कंट्रीब्यूशन होता है. हालांकि, पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए है. ऐसे में पेंशन फंड में हर महीने अधिकतम 1250 रुपए ही जमा सकता है.
अगर पेंशन से 15 हजार रुपए की लिमिट को खत्म कर दिया जाए तो 7,500 रुपए से ज्यादा पेंशन मिल सकती है. लेकिन, इसके लिए एम्प्लॉयर का EPS में योगदान भी बढ़ाना होगा. अगर 15 हजार की लिमिट हट जाती है और आपकी सैलरी 30 हजार है तो आपको फॉर्मूले के हिसाब से जो पेंशन मिलेगी वो ये होगी. (30,000 X 30)/70 = 12,857.
पेंशन (EPS) के लिए मौजूदा शर्तें
- EPF सदस्य होना जरूरी.
- कम से कम रेगुलर 10 साल तक नौकरी में रहना जरूरी.
- 58 साल के होने पर मिलती है पेंशन. 50 साल के बाद और 58 की उम्र से पहले भी पेंशन लेने का विकल्प.
- पहले पेंशन लेने पर घटी हुई पेंशन मिलेगी. इसके लिए फॉर्म 10D भरना होगा.
- कर्मचारी की मौत होने पर परिवार को मिलती है पेंशन.
- सर्विस हिस्ट्री 10 साल से कम है तो उन्हें 58 साल की आयु में पेंशन अमाउंट निकालने का ऑप्शन मिलेगा.