घर में भूलकर भी न रखे ऐसे फर्नीचर, नहीं तो आपकी जिंदगी हो जाएंगी तबाह, जानिए!
घर बनने के बाद उसकी साज-सज्जा में फर्नीचर का बड़ा महत्व होता है।
घर बनने के बाद उसकी साज-सज्जा में फर्नीचर का बड़ा महत्व होता है। कई बार देखा गया है कि हम घर का निर्माण करवाते समय वास्तु का विशेष ध्यान रखते हैं। लेकिन फर्नीचर खरीदते समय और उन्हे घर में रखते समय अगर वास्तु का ध्यान नहीं रखते तो हमें परेशानी का सामना करना पड़ जाता है। वास्तु शास्त्र में फर्नीचर रखते समय भी विचार करना चाहिए। आज हम बताने जा रहे हैं कि हमें घर में किस लकड़ी या धातु का फर्नीचर किसी दिशा में रखना चाहिए।
गोल किनारे का रखें फर्नीचर
वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि अगर हम जब भी फर्नीचर खरीदें हमें ध्यान रखना चाहिए कि उसके किनारे नुकीले न हों। गोल किनारे वाले फर्नीचर ही घर में रखना उपयुक्त बताया गया है। इससे घर में सकारात्मक उर्जा का विकास होता है। घर के लोगों में आपसी प्रेम भाव बढ़ता है।
फर्नीचर रखने के सम्बंध में विचार
- हमारे वास्तु शास्त्र में लकडी के फर्नीचर को सबसे उपयुक्त बताया गया है। वहीं किस लकडी का फर्नीचर है इसका भी विचार करना चाहिए।
- कहा गया है कि पीपल, चंदन तथा बरगद जैसे देववृक्षों की लकडी का फर्नीचर घर में नहीं रखना चाहिए।
- इन वृक्षों के फर्नीचर रखते हैं तो नकारात्मक उर्जा का संचार होता है।
- पीपल, चंदन तथा बरगद के फर्नीचर रखने से परिवार के लोगों में आपसी कलह बढ़ता है। परिवार के सदस्यों को मांशिक तनाव से भी गुरजरना पड़ सकता है। इन लकड़ियों के फर्नीचर का उपयोग करने से बचना चाहिए।
- केवल पूजा में उपयोग होने वाले फर्नीचर ही चंदन के रखें। अन्यथा परेशानी का समना करना पड़ सकता है।
- हमें घर में नीम, शीशम तथा सागौन से बनी लकड़ियों का फर्नीचर रखना चाहिए।
- कहा गया है कि प्लास्टिक और लोहे के फर्नीचर रखने से घर में नकारात्मक उर्जा प्रवेश करती है। घर के लोगों में नकारात्मक भाव बढ़ते हैं।
- इस दिशा में रखें फर्नीचर
- कहा गया है कि हमें लकड़ी से बने हल्के फर्नीचर उत्तर-पूर्व दिशा में रखने चाहिए।
- वजनी फर्नीचर हमें दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखने चहिए। अगर इन्हे उत्तर-पूर्व दिशा में रख दिया जाता है तो नकारात्मक उर्जा हमारे घर में आती है।
- वजनी फर्नीचर हमें दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखने से आर्थिक समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।