Dairy Farm Business: डेयरी उद्योग के बिजनेस से हर महीने कमाएं लाखो रूपए, सरकार देगी सब्सिडी, ऐसे ले योजना का लाभ, जानिए!
डेयरी के बिजनेस से घर बैठे लाखो की कमाई कर सकते है.
Dairy Farm Business: खेती-किसानी में किसान को हर 4 या फिर 6 माह में पैसा मिलता है। जब उसकी फसल सही सलामत तैयार होकर मंडी पहुचती है। लेकिन किसन भी तो आदमी ही है। उसका भी अपना परिवार है। उसके भी अपने प्रतिदिन के खर्चेर् हैं। जिसे किसान चाहे तो वह हर दिन आमदनी कमा कर हर दिन के खर्च को उसी से पूरा कर सकता है। किसान को डेयरी उद्योग की ओर ध्यान देना होगा। इसके लिए सरकार भी किसान का सहयोग कर रही है।
सरकार दे रही डेयरी उद्योग को बढ़ावा
किसान के साथ-साथ सरकार भी डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजना संचालित कर रही। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को योजनाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसमें सबसे प्रमुख है नाबार्ड योजना। इस योजना के माध्यम से किसान 2 से 10 गायों को रखकर डेयरी फार्म का संचालन कर सकता है।
केंद्र सरकार की है यह योजना
केंद्र सरकार के डेयरी उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत नाबार्ड की ओर से किसानों को छोटी तथा बड़ी डेयरी फार्म संचालन के लिए राष्ट्रीय कृत बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।
बैंक से संपर्क कर किसान ऋण प्राप्त कर 9 माह के अंदर डेयरी फार्म का संचालन शुरू कर दें। ऐसे में सरकार द्वारा मिलने वाली सब्सिडी सीधे बैंक को भेज दी जाती है। लेकिन अगर समय अवधि बीत जाती है और किसान डेयरी फार्म का संचालन नहीं कर पाता ऐसी दशा में सब्सिडी का नुकसान उठाना पड़ता है।
कितनी मिलती है सब्सिडी
पशुपालक को उसके प्रोजेक्ट लागत पर 33.33 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। 10 भैंस की डेरी शुरू करने पर जहां 7 लाख रुपए का ऋण दिया जाता है। इसमें सामान्य वर्ग को 25 प्रतिशत तथा अन्य वह महिलाओं को 33.33 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।
किसान को लगाने पड़ते हैं 10 प्रतिशत
डेरी फार्म खोलने के लिए किसानों को मात्र 10 प्रतिशत की राशि खर्च करनी होती है। इसके अलावा शेष राशि हितग्राही को फाइनेंस कर देती है। जिसे पशुपालक किसान धीरे-धीरे कर जमा कर सकता है।
कैसे करें आवेदन
डेयरी फार्म खोलने और लोन कथा सब्सिडी प्राप्त करने के लिए सबसे पहले डेरी फार्म का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके पश्चात बैंक में ऋण तथा सब्सिडी फार्म जमा करना इस फार्म में डेयरी का नाम, पशुओं की संख्या, सैड की लागत, भूसा चारा आज की जानकारी भरकर बैंक में जमा करना होता है।
लगाने पड़ते हैं कुछ दस्तावेज
आवेदन फार्म के साथ पशुपालक किसान को स्वयं का आधार कार्ड, पैन कार्ड, आवेदक का परिवार पहचान पत्र, बैंक खाते का कैंसिल चेक तथा अन्य बैंकों का अनापत्ति प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना पड़ता है।