Bank Account: मृत व्यक्ति के पैसों पर किसका होता है अधिकार, चलिए जानते है नियम?
Bank Account: मृत व्यक्ति के बैंक के पैसे हासिल करने के 3 नियम होते है.
Bank Account: जैसा कि आप लोग जानते हैं कि आज के तारीख में हम सभी लोगों के पास अपना खुद का बैंक अकाउंट नंबर है और हम उसका इस्तेमाल भी करते हैं लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उस बैंक अकाउंट पर किसका अधिकार होता है नियम क्या बताते हैं कि उसे अकाउंट का इस्तेमाल कौन करेगा अगर आप इसके बारे में बिल्कुल नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं है मैं आज आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताऊंगा कि मृत व्यक्ति के बैंक में रखे पैसों पर किसका होता है अधिकार, जानिए क्या कहता है नियम:
मृत व्यक्ति के संबंध में बैंक के तीन नियम है
किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और उसका बैंक अकाउंट कौन इस्तेमाल करेगा इसके विषय में तीन प्रकार के नियम बैंक की तरफ से निर्धारित किए गए हैं जिनका विवरण में आपको नीचे हम आपको नीचे देंगे-
पहला नियम अगर खाता जॉइंट अकाउंट हो तो-
अगर आपने खाता बैंक का जॉइंट अकाउंट में खोला है तो ऐसे में अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो जिस व्यक्ति का नाम जॉइंट अकाउंट में दिया हुआ है वह उस व्यक्ति के पैसे को आसानी से निकाल सकता है I
दूसरा नियम अगर नॉमिनी बनाया है तो -
जब आप किसी भी बैंक में अकाउंट खोलने के लिए जाएंगे तो वहां बैंक की तरफ से आपसे इस बात की भी जानकारी मांगी जाएगी कि आप अपने बैंक अकाउंट में किसे नॉमिनी बनाना चाहते हैं जिससे अगर आप की मृत्यु हो जाए तो आपका पैसा हुआ व्यक्ति आसानी से बैंक से निकाल सके ऐसे में अगर आपने नॉमिनी बनाया है तो आपके मरने के के बाद आपके पैसे पर आपके नॉमिनी का अधिकार होगा।
तीसरा नियम अगर आपने नॉमिनी नहीं बनाया है तो
अगर आपने अपने बैंक अकाउंट में नॉमिनी ने दिया है तो ऐसे में अगर आप की मृत्यु हो जाती है तो पैसे निकालने के लिए आपके परिवार वालों को आपका मित्र सर्टिफिकेट बैंक में जमा करना होगा इसके अलावा इस बात को भी सिद्ध करना होगा कि आपके पैसे पर आपके परिवार वालों का अधिकार है इसके लिए उन्हें उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बैंक में जमा करना होगा तभी जाकर आपके पैसे आपके परिवार वालों को मिलेंगे
क्या होता है उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र?
उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (Succession Certificate) एक ऐसा डॉक्यूमेंट है, जो मरने वाले व्यक्ति के वारिस को दिया जाता है. अगर मरने वाला कोई व्यक्ति कोई वसीयत ना छोड़कर ना गया हो