एमपी के एकमात्र हिंदी विश्वविद्यालय में धांधली, नियम विरूद्ध तरीके से हो रही नियुक्तियां

MP Bhopal News: भोपाल के हिंदी विवि स्थापना के 11 साल बाद भी स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है, विवि में प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया तो उसमें भी एक नया विवाद सामने आ गया है।

Update: 2022-06-29 09:39 GMT

MP Bhopal News: मध्यप्रदेश के इकलौते अटल बिहारी बाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय (Atal Bihari Bajpayee Hindi University) की स्थापना के 11 साल बाद भी स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। जब विवि में प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया तो उसमें भी एक नया विवाद सामने आ गया है। इस संबंध में अभ्यर्थियों ने क्षेत्रीय सांसद प्रज्ञा ठाकुर (Bhopal MP Pragya Thakur) से शिकायत की है। अपने शिकायती आवेदन में अभ्यर्थियों ने कहा कि निकाले गए विज्ञापन में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है। चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए पदों का सृजन किया गया है। इसे तत्काल निरस्त किया जाय। इसलिए भर्ती विज्ञापन को निरस्त किया जाय। गौरतलब है कि विवि द्वारा 18 विषय के लिए सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया है। शिकायतकर्ता के अनुसार नियमानुसार एक विषय में एक से ज्यादा पद होने पर ही आरक्षण रोस्टर लागू होता है। जबकि विवि द्वारा निकाले गए विज्ञापन में एक विषय में एक ही पद पर भर्ती की जा रही है।

सांसद ने लिखा पत्र

सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिख कर मामले की जांच और कार्रवाई करने के लिए कहा है। सूत्रों की माने तो सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों के पहले उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) द्वारा आरक्षण रोस्टर (Reservation roster) के संबंध में जनवरी 2020 में एक आदेश जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि विवि को यूनिट मानते हुए रोस्टर लगाया जाए। जबकि इसके पूर्व विभाग द्वारा ही जारी पत्र में न्यायालय (Court) के आदेश का हवाला देते हुए विषय या विभागवार रोस्टर लगाने की बात कही गई थी।

तीन माह से अटकी भर्ती

हिंदी विश्वविद्यालय में 11 साल बाद 147 में से 18 विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों को भरने के लिए दो बार विज्ञापन जारी किया जा चुका है। इसके बाद भी तीन माह से भर्ती का मामला अटका हुआ है।

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