अधर में लटकी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया, शिक्षकों में आक्रोश
शिक्षकों में आक्रोश पनप रहा है वहीं शिक्षक आंदालन करने के मूड में हैं। सरकार की इस लचर व्यवस्था की वजह से स्कूलों में शैक्षणिक कार्य;
अधर में लटकी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया, शिक्षकों में आक्रोश
भोपाल। सरकार की यह लचर व्यवस्था का ही परिणाम है कि दो वर्ष बीत जाने के बाद भी शिक्षकों की भर्ती नही हो पई है। ऐसे में जहां एक ओर शिक्षकों में आक्रोश पनप रहा है वहीं शिक्षक आंदालन करने के मूड में हैं। सरकार की इस लचर व्यवस्था की वजह से स्कूलों में शैक्षणिक कार्य पहले से प्रभावित हैं।
सरकार कोरोना की वजह से स्कूल तो बंद है और सरकार भी निश्चिंत बंठी है। अखिर सरकार ने कोरोना की वजह से शिक्षकों को घर-घर जाकर छात्रों को पढ़ाने के लिए कह चुकी हैं। ऐसे स्थिति में अगर भर्ती बंद कर सरकार कोरोना को कारण मान बैठी है तो उनका क्या होगा जो पा़त्रता परीक्षा पास कर चयन सूची में हैं। और अपने दस्तावेजों का सत्यापन भी करवा चुके हैं।
स्कूलों में शिक्षकों की कमी
स्कूलों मे ंशिक्षको ंकी कमी को दखते हुए शिवराज की ही सरकार ने 2018 में शिक्षकों की भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा आयोजित कर चुकी है। प्रदेश में लगभग 40 हजार पद शिक्षकों के रिक्त हैं। वही स्कूल शिक्षा विभाग ने 20500 पद स्वीकृत किये। लेकिन परीक्षा के बाद ही चुनाव हुए और सरकार बदल गई।
सितम्बर 2019 में पा़त्रता परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिया गया। 3 जुलाई 2020 को चयनित अभयर्थियांे के दस्तवेजों की जांच की जानी थी जिसमें प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थी भी शामिल है। लेकिन कोरोना की वजह से भर्ती प्रक्रिया बंद कर दी गई। वही पीईबी ने नई भर्ती के लिए जगह निकाल कर सभी को चैंका दिया और शिक्षक आक्रोशित होकर धरने पर बैठ गये हैं।