जानिए कौन थी 'भोपाल की अंतिम हिंदू रानी', जिनके नाम पर रखा गया है वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन का नाम
Rani Kamalapati Story in hindi: आइये जानते हैं 'भोपाल की अंतिम हिंदू रानी' के बारे में..
Rani Kamlapati Wikipedia Hindi: हबीबगंज रेलवे स्टेशन (Habibganj Railway Station) के नाम से जाना जाने वाला भोपाल (Bhopal) के इस रेलवे स्टेशन को पुनर्विकसित कर एक एडवांस्ड रेलवे स्टेशन में परिवर्तित किया गया है और अब इसे रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Rani Kamlapati Railway Station) के नाम से जाना जाएगा मगर क्या आप जानते हैं की रानी कमलापति कौन थी?
कौन थी रानी कमलापति? (Kaun thi Rani Kamlapati)
रानी कमलापति (Rani Kamalapati) सीहोर सल्कानपुर के राजा कृपाल सिंह (Raja Kripal Singh) की पुत्री थी। रानी कमलापति बहुत खूबसूरत थी और घुड़सवारी में भी अव्वल थी। वह अपनी बुद्धिमता और बहादुरी के लिए अपने क्षेत्र में मशहूर थी। रानी कमलापति को निशानेबाजी का भी शौक था और कुश्ती/पहलवानी भी किया करती थी। उनकी इन खूबियों को देखते हुए उनके पिताजी राजा कृपाल सिंह ने उन्हें अपने राज्य का सेनापति घोषित कर दिया था।
कैसे हुई थी रानी कमलापति की मृत्यु? (Rani Kamalapati Death)
रानी कमलापति (Rani Kamlapati) का विवाह 18वीं शताब्दी में भोपाल से 55 किलोमीटर दूर तत्कालीन गिन्नौड़गढ़ के शासक निजाम शाह से हुआ था। राज्य सरकार के अनुसार, कमलापति को पति निजाम शाह की मृत्यु के बाद बहुत सारे हमलावरों का सामना करना पड़ा और जिनका सामना रानी ने बड़ी बहादुरी से किया था। मगर अपने पिता और अपनी महिला सेना के साथ आक्रमणकारियों से जंग लड़ने के बाद उन्होंने भोपाल की एक झील में रहस्यमई ढंग से आत्महत्या कर ली थी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का दावा है की रानी कमलापति "भोपाल की अंतिम हिंदू रानी" थीं, जिन्होंने जल प्रबंधन के क्षेत्र में महान कार्य किए और पार्क/मंदिर की स्थापना की। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि "रानी कमलापति की मृत्यु के 300 साल बीत चुके हैं हैं और हम उनके बलिदान का सम्मान करते हैं। भोपाल का हर हिस्सा उनकी बहादुरी को बयां करता है और उनके बलिदान की गूंज यहां की झील के जल में आज भी सुनी जा सकती है।"