Indian Railway: राजधानी से गुजरने वाली ट्रेनों में अब कुछ भी स्पेशल नहीं, किराया भी हुआ कम

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) से गुजरने वाली ट्रेनों में अब कुछ भी स्पेशल नहीं

Update: 2021-11-25 08:17 GMT

सांकेतिक तस्वीर 

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से गुजरने वाली सभी ट्रेनों से स्पेशल का दर्जा समाप्त कर दिया गया है। रानी कमलापति और भोपाल स्टेशन से गुजरने वाली अथवा चलने वाली रेलगाड़ियों में अब कुछ भी स्पेशल नहीं रहेगा। सबकुछ सामान्य चलेगा। इतना ही नहीं इन रेलगाड़ियों में 15 प्रतिशत किराये में भी छूट दी गई है।

भोपाल रेल मंडल के सीनियर डीसीएम विजय प्रकाश ने जानकारी दी है कि सीनियर सिटीजन सहित अन्य श्रेणी में छूट व जनरल कोच में सामान्य टिकट के साथ सफर को लेकर रेलवे बोर्ड जो नये निर्णय करता है उससे सभी को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही यात्रियों को पूर्व की तरह सुविधाएं मिलना शुरू होंगी।

बता दें कि यात्रियों की सुविधा के लिये स्टेशन से स्पेशल फेयर हटा दिया जाएगा जिससे किराए में 15 फीसदी की कमी आई है। वहीं अपडाउन करने वालों को एमएसटी की सुविधा भी मिलना शुरू हो गया है। वहीं जो सुविधाएं अभी शुरू नहीं हो पाई हैं उनमें सीनियर सिटीजन से लेकर सभी कोटे में रियायत और जनरल टिकट मिलना शुरू नहीं हो सका है। इसके अलावा सीनियर सिटीजन, पत्रकार व डाक्टर सहित अन्य श्रेणी में दी जाने वाली छूट को नहीं शुरू किया गया है।

वर्तमान में 22 ट्रेनें चल रहीं

बताया गया है कि वर्तमान में राजधानी से 22 ट्रेने अपडाउन कर रही है। इनमें से कई ट्रेनों बदले गये हैं। देखा गया है कि अभी तक पांच अंक के ट्रेन नंबर में पहला अंक शून्य का होता था लेकिन स्पेशल दर्जा खत्म होने बाद शून्य की जगह पुराना पुराना नंबर अंकित किया गया है। जिन 22 ट्रेनों का संचालन राजधानी से हो रहा है अब वह ट्रेने अपने पुराने अंक के साथ चलने लगी हैं।

अगले 15 दिनों सभी व्यवस्थाएं सामान्य होंगी

इस संबंध में रेल अधिकारियों का कहना है कि आने वाले 15 दिनों में सभी व्यवस्थाएं पूर्व की तरह सामान्य हो जाएंगी। पूर्व की तरह मिलने वाली सुविधाएं सबको मिलना शुरू हो सकेगी। हालांकि अभी यह देखा जा रहा है कि रेलवे की ओर से कुछ ट्रेनों में जनरल टिकट की व्यवस्था चालू हुई है तो अधिकांश ट्रेनों में अभी यात्रियों को रिजर्वेशन कराकर सामान्य कोचों में सफर करना पड़ रहा है। अब देखना होगा कि रेल विभाग आगे क्या कदम उठाता है। 

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