एमपी के भोपाल में जेबकटी का सरगना चढ़ा पुलिस के हत्थे, 25 सदस्य यात्री वाहनों में हैं सक्रिय
जेब काटने की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह का सरगना पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इस दौरान पुलिस ने उसके गैंग के एक सदस्य को भी पकड़ा है। जेबकटी की घटनाओं को पिछले 40 वर्षों से अंजाम दिया जा रहा था।
जेब काटने की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह का सरगना पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इस दौरान पुलिस ने उसके गैंग के एक सदस्य को भी पकड़ा है। सरगना द्वारा जेबकटी की घटनाओं को पिछले 40 वर्षों से अंजाम दिया जा रहा था। उसके गैंग में 25 अन्य सक्रिय सदस्य भी शामिल हैं जिनके द्वारा विभिन्न मार्गों पर दौड़ने वाली यात्री बसों में चढ़कर वारदातों को अंजाम दिया जाता है। फिलहाल पुलिस ने इनकी तलाश भी तेज कर दी है।
किसान के 50 हजार रुपए कर दिए गायब
क्राइम ब्रांच पुलिस ने जेबकटी के सरगना मंसूर उर्फ बच्चा 55 निवासी नसरुल्लागंज सीहोर व उसके एक सदस्य सुधीर शर्मा 36 वर्ष निवासी आचार्य नरेन्द्रदेव नगर स्टेशन बजरिया भोपाल को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पुलिस द्वारा की गई पूछतांछ के दौरान सरगना मंसूर ने बताया कि उसके गैंग में अंसार, रासिद, गंगा, आमिर, शहजाद, सलीम, सईद, वसीम, समीर, नाडा, सलमान आदि शामिल हैं। जिनके द्वारा विभिन्न रूटों में दौड़ने वाली बसों में जेबकटी की वारदातों को अंजाम दिया जाता है। एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच शैलेन्द्र सिंह चौहान के मुताबिक विदिशा निवासी अखौ सिंह मीणा किसान हैं। जो कबाड़खाना में ट्रैक्टर की मरम्मत करने भोपाल आए थे। बताया गया है कि नादरा बस स्टैण्ड से वह टीटी नगर जाने के लिए लो फ्लोर बस में सवार हुए। रेलवे स्टेशन भोपाल के समीप से दो अज्ञात व्यक्ति भी इसमें सवार हुए। थोड़ी दूर जाकर जब किसान ने अपनी जेब टटोली तो उसकी जेब में रखे 50 हजार रुपए गायब मिले। इस दौरान वह सकपका गए तब तक दोनों जेबकतरे भी बस से उतर गए। जिसकी शिकायत किसान द्वारा मंगलवारा थाना में दर्ज कराई गई।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
शिकायत के बाद मंगलवारा पुलिस जांच में जुटी और दोनों पुलिस की गिरफ्त में आ गए। बताया गया है कि आरोपी मंसूर गैंग का सरगना है। जिसकी गैंग में अन्य सदस्य भी शामिल हैं जिनकी द्वारा बसों में वारदातों को अंजाम दिया जाता है। मंसूर नसरुल्लागंज से जेबकट करने भोपाल आता है। अपने गैंग के सदस्यों के साथ लाल बस में हबीबगंज नाके से बैठकर एमपी नगर तक वारदातों को अंजाम देते हैं। एक व्यक्ति फड़िया लगाकर तो दूसरा पर्स व नगदी जेब से निकाल लेता है। एडिशनल डीसीपी के मुताबिक मंसूर द्वारा पिछले 40 वर्षों से उक्त वारदातों को अंजाम दिया जाता था। उसने 15 वर्ष की उम्र से ही अपराध करना शुरू कर दिया था। नसरुल्लागंज से वह प्रतिदिन भोपाल आता है इसके बाद मंसूर व उसके सदस्यों द्वारा बसों के यात्रियों को अपना निशाना बनाया जाता था। आईएसबीटी से बैठकर बोगदा पुल से बरखेड़ी, भारत टॉकी के बीच इनके द्वारा वारदातों को अंजाम दिया जाता है।