मध्यप्रदेश के छात्रों के लिए जरूरी खबर, 18 से शुरू होगी काउंसलिंग, पढ़िए नहीं तो..
भोपाल: मध्यप्रदेश में कोरोना के कारण स्कूल और कॉलेज बंद है जिसके बाद एडमिशन प्रक्रिया में भी देरी हो रही है. घर में रहकर छात्र-छात्रा को कोर्स के बारे में जानकरी नहीं मिल पाती है जिससे शिवराज सरकार ने अब ऑनलाइन प्रोसेस में तेजी से ध्यान दिया है. भला ही कोरोना तेजी से बढ़ रहा है यहाँ सरकार ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है. टेक्निकल और प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन के लिए अब इंतज़ार खत्म हो गया है.
एमबीए/एमसीए,फार्मडी, एकलव्य/ अम्बेडकर योजना के तहत डिप्लोमा, नॉन पीपीटी डिप्लोमा, बीडी फार्मेसी, बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंटऔर बीई/बीटेक(अंशकालिक) कोर्स के लिए 18 अगस्त से छात्र काउंसलिंग ले सकेंगे. कोरोना महामारी को देखते हुए छात्रों के दस्तावेजों का सत्यापन ऑनलाइन ही किया जायेगा.अभ्यार्थियों को सहायता केन्द्र आने की आवश्यकता नहीं है.
वहीं एनआरआई (बीई/बीटेक/बीआर्क) पाठ्यक्रमों की काउसलिंग 5 सितम्बर 2020, बीई/बीटेक (पूर्णकालिक) की 10 सितम्बर, एमबीए(पूर्णकालिक/अशंकालिक) और एमसीए की 15 सितम्बर, बीआर्क, एमफार्मसी, एमई/एमटेक (पूर्णकालिक/अंशकालिक) की 16 सितम्बर, इंजीनियरिंग डिप्लोमा (प्रवेश परीक्षा आधारित) 17 सितम्बर, लेटरल एंट्री (बीई/बी फार्मेसी) 21 सितम्बर और एमआर्क की काउसलिंग 1 अक्टूबर 2020 को होना संभावित है.
रीवा : विश्वविद्यालयों में अतिथि विद्वानों की होगी फिर से नियुक्तियां
रीवा (विपिन तिवारी ) ।विश्वविद्यालयों में बिगत कई वर्षों तक अध्यापन कार्य करने वाले अतिथि विद्वानों को बीते साल नियमित नियुक्तियां होने की वजह से बाहर कर दिया गया था। अतिथि शिक्षकों ने जिसके चलते कई महीने तक लगातार आंदोलन किया। यह आंदोलन कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने शुरू किया गया था अब भाजपा शिवराज सिंह सरकार ने ऐसे अतिथि विद्वानों को अवसर देने का निर्णय लिया है। उच्च शिक्षा विभाग ने इन अतिथि विद्वानों को नियुक्त करने के लिए कार्यक्रम जारी किया है।
उच्च शिक्षा आयुक्त का पत्र सभी कालेजों के प्राचार्यों के पास आया है। जिसमें कहा गया है कि २० से २२ अगस्त तक अपनी योग्यता अतिथि विद्वान अपडेट कर सकेंगे। फालेन आउट अतिथि विद्वानों को विकल्प भरने का अवसर २४ से ३० अगस्त मिलेगा। मेरिट के आधार पर अतिथि विद्वानों का चयन एक सितंबर को होगा।इसके बाद भी कालेजों में पद खाली रह जाते हैं तो हर सप्ताह रिक्तियों को भरने का कार्यक्रम चलता रहेगा। बताया जा रहा है कि अतिथि विद्वानों की इस नियुक्ति में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि नए आवेदक इसमें हिस्सा ले सकते हैं अथवा नहीं। इसलिए कई नए आवेदक भी आवेदन करने की तैयारी में हैं।