जाना था सिंगरौली पहुंच गया उज्जैन, जुर्माना अलग से भरा! वंदे भारत में टॉयलेट यूज करने गया अब्दुल दोबारा ऐसी गलती नहीं करेगा
अब्दुल कादिर नाम के शख्स ने प्लेटफॉर्म पर खड़ी वंदे भारत वंदे भारत ट्रेन का टॉइलट यूज किया, लेकिन बाहर निकलने से पहले ही ट्रेन चल पड़ी और सीधा उज्जैन रुकी
वंदे भारत का टायलट यूज करना पड़ा महंगा: सिंगरौली जिले के रहने वाले अब्दुल कादिर अपने परिवार के साथ हैदराबाद से आने वाली दक्षिण एक्सप्रेस से शाम 5:30 बजे भोपाल उतरे, उन्हें अपने घर सिंगरौली के लिए ट्रेन पकड़नी थी. लेकिन अब्दुल मियां की एक गलती ने उन्हें सीधा उज्जैन पहुंचा दिया, इधर रेलवे स्टेशन में बैठा परिवार घंटों परेशान रहा.
अब्दुल कादिर प्लेटफार्म नंबर 4 में अपने परिवार के साथ बैठे अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. सामने वंदे भारत ट्रेन खड़ी थी. अब्दुल को ज़ोर की टॉइलट आई और उन्होंने सोचा 'कौन वाशरूम जाए, वंदे भारत के ही वाशरूम में निपट लेते हैं' अब्दुल अंदर घुसे लेकिन इतने में वंदे भारत इंदौर के लिए चल पड़ी. दरवाजे लॉक हो गए और अब्दुल ट्रेन में फंस गए.
जाना था सिंगरौली पहुंच गए उज्जैन
अब्दुल ने ट्रेन को रोकने की तमाम कोशिशें की, स्टाफ को अपनी व्यथा के बारे में समझाया लेकिन वंदे भारत कोई पैसेंजर ट्रेन तो थी नहीं कि चैन खींची और रोक दिया। अंत में अब्दुल भोपाल से 200 किमी दूर उज्जैन में ही उतर पाए. इस दौरान बिना टिकट वंदे भारत में सफर करने के पर उन्हें 1020 रुपए का जुर्मना भरना पड़ा.
अब्दुल उज्जैन से टिकट कराकर भोपाल आने वाली ट्रेन का इंतजार किया और सिंगरौली लौटने के बाद अपने साथ हुई घटना को सोशल मीडिया में शेयर किया। अब्दुल का तर्क है कि 'जब प्लेन की भी एमरजेंसी लैंडिंग हो जाती है तो वंदे भारत क्यों नहीं रुक सकती? तो मियां अब्दुल जब प्लेटफॉर्म में तमाम वाशरूम हैं तो आप ट्रेन के वाशरूम को इस्तेमाल करने गए क्यों? जबकि हर ट्रेन में लिखा होता है कि 'जब ट्रेन प्लेटफार्म में हो तब वाशरूम का इस्तेमाल ना करें'
अब्दुल अपनी गलती मानाने को तैयार ही नहीं है, बल्कि वंदे भारत में एमरजेंसी सिस्टम ना होने की बुराई कर रहे हैं. रेलवे अधिकारीयों का कहना है कि ट्रेन में एमरजेंसी उसमे बैठे यात्री के लिए होती है, ना कि वाशरूम करने के लिए घुस आए किसी व्यक्ति के लिए ट्रेन को रोका जाता है.