एक्शन मूड में सरकार, सरकारी आवास आवंटन को लेकर लिए इस तरह के निर्णय...
एक्शन मूड में सरकार, सरकारी आवास आवंटन को लेकर लिए इस तरह के निर्णय...भोपाल। ट्रांसर्फर होने के बाद सरकारी आवास के लिए परेशान होने वाले
एक्शन मूड में सरकार, सरकारी आवास आवंटन को लेकर लिए इस तरह के निर्णय…
भोपाल। ट्रांसर्फर होने के बाद सरकारी आवास के लिए परेशान होने वाले अफसरो के लिए आवास सुविधा बनाने गृह विभाग ने आवास आवंटन के नियमों में बदलाव किया है।
निर्णय के तहत अब अफसरों को रिटायरमेंट के छह महीने में सरकारी बंगला खाली करना होगा। इतना ही नही इस्तीफा या किसी दूसरे कारण से नौकरी से निकाले जाने पर सरकारी रेट पर बंगले का किराया लिया जाएगा। अवधि पूरी होने पर मकान खाली नहीं किए जाने पर सरकार बाजार रेट पर जुर्माना लगाने के साथ किराया जमा कराएगी तथा बेदखली की कार्रवाई की जाएगी।
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मुख्यालय के आवास में रहता है कब्जा
दरअसल सरकारी आवास की समस्या सरकार के सामने आई है। जिसका कारण यह है कि भोपाल के बाहर कलेक्टर, एसपी, डीआईजी, आईजी और कमिश्नर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ होने के बाद अफसर भोपाल के बंगलों पर भी कब्जा जमाए रहते हैं. इस वजह से दूसरे जिलों से तबादला होकर भोपाल आने वाले अफसरों को सरकारी बंगले के लिए भटकना पड़ता है. इसे देखते हुए सरकार ने यह नोटिफिकेशन जारी किया है।
छोटे स्तर पर भी समस्या
सरकारी आवास की समस्या मुख्यालय ही नही बल्कि संभाग, जिला, एवं तहसील स्तर पर आ रही हैं। जंहा सरकारी आवास में कब्जा करने वाले अफसर एवं कर्मचारी उसे छोड़ना नही चाहते और पदस्थ होने वाले अधिकारी कर्मचारी को परेशान होना पड़ता है। आवास आवंटन को लेकर छोटे स्तर से कार्रवाई की जरूरत हैं।
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