एमपी के भोपाल में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए गाड़ी चलाकर 8 मिनट में देनी होगी परीक्षा

अब ड्राइविंग लाइसेंस पाना लोगों के लिए आसान नहीं रहेगा। भोपाल में जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए लोगों को गाड़ी चलाकर टेस्ट देना होगा। जिसके लिए 200 नंबर निर्धारित किए गए हैं।

Update: 2022-12-01 07:19 GMT

अब ड्राइविंग लाइसेंस पाना लोगों के लिए आसान नहीं रहेगा। भोपाल में जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए लोगों को गाड़ी चलाकर टेस्ट देना होगा। जिसके लिए 200 नंबर निर्धारित किए गए हैं। निर्धारित नम्बरों में से आवेदक को 165 अंक लाना अनिवार्य होगा तभी उसे ड्रायविंग लाइसेंस मिल सकेगा। वाहन चालक को अंग्रेजी के 8 आकार में बनाए गए ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर गाड़ी चलाना होगा। वाहन चालक को सेंसर द्वारा नंबर दिए जाएंगे।

ऑटोमेटिक सेंसर पर होगा आधारित

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदकों से टेस्ट के बाद जो नंबर दिए जाएंगे वह पूरी तरह ऑटोमेटिक सेंसर पर आधारित होगा। सूत्रों की मानें तो ट्रैक में कुछ कमियां मिली थीं जिन्हें पीडब्ल्यूडी द्वारा दुरुस्त कराने का कार्य किया जा रहा है। जल्द ही लाइसेंस के लिए वाहन चालकों को टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरना होगा। टेस्ट में कुछ भी मैन्युअल नहीं होगा। बताया गया है कि यह पूरी तरह से पारदर्शी सिस्टम है।

165 नंबर लाना अनिवार्य

ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक कोकता के ट्रांसपोर्ट नगर में बनाया गया है। जिसके लिए अब आवेदकों को टेस्ट प्रक्रिया से गुजरना होगा। 200 नंबर के टेस्ट में 165 या उससे अधिक लाना अनिवार्य किया गया है। निर्धारित नंबर टेस्ट में आने पर ही आवेदक को ड्राइविंग लाइसेंस मिल सकेगा। आरटीओ सूत्रों की मानें तो यह 200 नंबरों में 180 नंबर पाना अनिवार्य किया गया था। किन्तु आवेदकों को समस्या न हो जिसके चलते नंबरों में और कमी कर 165 कर दिया गया। जिससे आवेदक आसानी से टेस्ट पास करें।

ऐसे कटते हैं नबर

इंदौर के बाद भोपाल में प्रदेश का दूसरा ऑटोमैटिक ड्राइविंग ट्रैक है। यहां ऑटोमैटिक सिस्टम होने से आवेदकों को सहूलियत मिल सकेगी। इस दौरान यदि कोई आवेदक चार पहिया वाहन से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ट्रायल दे रहा है तो उसकी गाड़ी रिवर्स में एक फीट तक पीछे आने पर नंबर नहीं कटेंगे। पहले 6 इंच तक पीछे वाहन के खिसकरने पर 20 नंबर कट सकते थे। यदि कोई आवेदक टेस्ट में फेल होता है तो उसे दस से पन्द्रह दिन बाद फिर से टेस्ट देने का मौका मिल सकता है। बताया गया है कि शुरुआत में एक वाहन चालक को एक बार में ही ट्रायल के लिए ट्रैक पर भेजा जाएगा।

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