भोपाल में महिला चिकित्सक ने किया सुसाइड, पत्र में लिखा इतना स्ट्रेस नहीं झेल सकती
भोपाल- भोपाल में बुधवार को जूनियर डाक्टर आकांक्षा महेश्वरी वर्ष ने अपने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली।
भोपाल- भोपाल में बुधवार को जूनियर डाक्टर आकांक्षा महेश्वरी वर्ष ने अपने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली। आकांक्षा गांधी मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक विभाग से पीजी कर रही थी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को इंजेक्शन और सीरिंज मिली है। माना जा रहा है कि आकांक्षा ने दवा के ओवरडोज लेकर आत्महत्या की है। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।
क्या है सुसाइड नोट में
पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। आकांक्षा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं इतना मजबूत नहीं हूं। इतना स्ट्रेस नहीं झेल सकती। मम्मी-पापा सॉरी, दोस्तों को भी सॉरी। प्यार देने के लिए धन्यवाद। मैं स्ट्रांग नहीं हूं। मैं व्यक्तिगत कारणों से यह कदम उठा रही ूहूं।
पीजी प्रथम वर्ष में थी
कोहेफिजा टीआई विजय सिसोदिया ने बताया कि आकांक्षा ग्वालियर के दीनदयाल नगर इलाके के आदित्यपुरम की रहने वाली थी। उसने वहां से एमबीबीएस किया। इसके बाद वो जीएमसी भोपाल के पीडियाट्रिक विभाग में पीजी कर रही थी। वह प्रथम वर्ष में थी। बुधवार की सुबह 7 बजे उसने अपने विभाग में फोन कर बताया था कि तबियत ठीक नहीं है, काम में नही आऊंगी।
बंद था दरवाजा
हॉस्टल में रहने वाली अन्य छात्राओं ने विद्यार्थियों ने पुलिस को बताया कि आकांक्षा का रूम सुबह से बंद था। शाम को जब साथी छात्राएं हॉस्टल पहुंची तो दरवाजा बंद होने पर गार्ड को जानकारी दी। गार्ड द्वारा जीएमसी प्रबंधन को बताया गया। इसके बाद तुरंत ही पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया। अंदर जाने पर पुलिस को आकांक्षा मृत अवस्था में मिली।
आत्महत्या का कारण अस्पष्ट
टीआई विजय सिसोदिया ने बताया कि सुसाइड नोट में आकांक्षा ने स्ट्रेस की बात तो लिखी है। लेकिन वह किस बात से स्ट्रेस में थी, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। जिससे आत्महत्या की वजह पता नहीं चल पा रही है। आकांक्षा ने गजराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर से इसी वर्ष एमबीबीएस कंप्लीट किया था। इसके बार उन्हें गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में पीजी में एडमीशन मिल गया। एक माह पहले ही वह भोपाल शिफ्ट हुई थी। जीएमसी के गर्ल्स हॉस्टल के एच ब्लॉक में रह रही थी।