Bhopal New Bypass: 3000 करोड़ की लागत से भोपाल में बनेगा 40 किलोमीटर लंबा बायपास

MP News: भोपाल में नया बासपास 3 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार होगा। जिससे लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत मिल सकेगी। गुरुवार को हुई शिवराज कैबिनेट की मीटिंग के दौरान साउथ-वेस्ट बायपास को मंजूरी प्रदान की गई।

Update: 2023-09-02 06:21 GMT

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के रहवासियों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा तोहफा दिया है। गुरुवार को हुई शिवराज कैबिनेट की मीटिंग के दौरान साउथ-वेस्ट बायपास को मंजूरी प्रदान की गई। भोपाल में यह नया बायपास 3 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार होगा। जिससे लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत मिल सकेगी।

भोपाल के दोनों तरफ के बाहरी रास्ते से आ-जा सकेंगे वाहन

भोपाल में इस नए बायपास के बन जाने से दोनों तरफ के बाहरी रास्ते से वाहन आ और जा सकेंगे। इसके निर्मित हो जाने से शहर के भीतर भी बाहरी ट्रैफिक लोड कम हो जाएगा। वहीं बाहर से आने वाले वाहन चालकों को भी काफी राहत मिल सकेगी। अब तक केवल ईस्ट-नार्थ बायपास से ही वाहनों को निकाला जाता है। भोपाल में जबलपुर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल आदि जिलों से इंदौर जाने वाले वाहनों के लिए उत्तर-पूर्व क्षेत्र के 11 मील बायपास से होकर गुजरना पड़ता था। जिसके कारण औबेदुल्लागंज-मंडीदीप की ओर से आने वाले वाहनों को लंबा डायवर्सन तय करना पड़ता था। यही वजह रही कि भोपाल के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र से भी बायपास बनाने की मांग उठ रही थी।

40.9 किलोमीटर होगी लंबाई

एमपी के भोपाल में बनने वाले नए बायपास की लम्बाई 40.9 किलोमीटर होगी। मध्यप्रदेश के दो बड़े शहरों भोपाल के मंडीदीप और इंदौर के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को इससे काफी फायदा मिलेगा। दक्षिण-पश्चिम बायपास राजधानी के कोलार, नीलबड़, रातीबड़, फंदा होकर गुजरेगा। जिससे रायसेन, सीहोर, भोपाल जिले के ही लगभग 10 लाख से अधिक लोगों को काफी सुविधा मिल जाएगी।

मंडीदीप की ओर से इंदौर जाने वालों की घट जाएगी दूरी

भोपाल में बायपास निर्माण पूर्ण होने पर मंडीदीप की ओर से इंदौर जाने वाले वाहन चालकों की दूरी तकरीबन 25 किलोमीटर को जाएगी। बायपास के लिए सरकार जमीन खरीदेगी जिसके लिए करीब 460 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। प्रोजेक्ट की कुल लागत 2 हजार 981 रुपए होगी। जिसमें से 697 करोड़ का हिस्सा रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा दिया जाएगा। पूरे रास्ते में दो अंडरपास और दो बड़े जंक्शन भी बनाए जाएंगे। नए बायपास के लिए फॉरेस्ट लैंड का उपयोग भी होगा। रूट पर भोपाल-इटारसी रेलमार्ग होने के कारण एक सिक्सलेन आरओबी का निर्माण भी किया जाएगा। इसके साथ ही दो फ्लाईओवर भी बनेंगे।

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