BU Bhopal News: न स्टूडेंट, न फैकेल्टी फिर भी बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय ने शुरू कर दिया नया कोर्स
बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय ने इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) की बगैर सहमति के ही नया कोर्स प्रारंभ कर दिया। जिसका नाम है बीएससी एग्रीकल्चर। विश्वविद्यालय में इसके लिए न तो लैब हैं और न ही एक्सपर्ट फैकेल्टी।;
बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय ने इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) की बगैर सहमति के ही नया कोर्स प्रारंभ कर दिया। जिसका नाम है बीएससी एग्रीकल्चर। विश्वविद्यालय में इसके लिए न तो लैब हैं और न ही एक्सपर्ट फैकेल्टी। फिर भी जल्दबाजी में यह कोर्स प्रारंभ किया जाना लोगों के गले नहीं उतर रहा है। खास बात यह है कि इसमें कोर्स के लिए विद्यार्थियों ने एडमिशन भी नहीं लिया है। इसमें मात्र 12 छात्रों ने हैं जिसमें दो मध्यप्रदेश व 10 छत्तीसगढ़ के बताए गए हैं।
बीएससी एग्रीकल्चर के लिए नहीं ली सहमति
बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय द्वारा बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स प्रारंभ करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च से इसकी सहमति लेनी चाहिए। किन्तु विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा बिना आईसीएआर की सहमति के ही इस कोर्स को प्रारंभ कर दिया गया। बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स के लिए बायोसाइंस डिपार्टमेंट को इसका नोडल डिपार्टमेंट बनाया गया है। इसकी फैकल्टी बीएससी एग्रीकल्चर के विद्यार्थियों को पढ़ा रही है। जबकि आईसीएआर के अनुसार सब्जेक्ट की एक्सपर्ट फैकेल्टी होनी चाहिए।
13 में से मात्र 8 पेपर पढ़ाए जा रहे
सूत्रों के अनुसार बीएससी एग्रीकल्चर के प्रथम सेमेस्टर में कुल 13 पेपर हैं। बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में इनमें से मात्र आठ का सिलेबस ही बायोसाइंस की फैकेल्टी पढ़ा रही है। वर्तमान सेमेस्टर का इंतजाम फैकेल्टी पर टीचिंग लोड बढ़ाकर कर लिया है बाकी के लिए अलग-अलग डिपार्टमेंट की फैकल्टी का सहारा लेंगे। अलग-अलग यूनिट्स का सिलेबस कराने के लिए फैकल्टी ने अपने-अपने स्पेशलाइजेशन के अनुसार सिलेबस बांट लिया है। आईसीएआर के अनुसार हर डिपार्टमेंट के लिए तय किए गए मापदण्डों के अनुसार फैकेल्टी भी होनी चाहिए किन्तु उसे भी यह बीएससी एग्रीकल्चर के हिसाब से पूरा नहीं कर रही है।
इनका कहना है
इस संबंध में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय के बायोसाइंस डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. विनय श्रीवास्तव का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जो जिम्मेदारी दी गई है उसे पूरा करने की कोशिश की जा रही है। उपलब्ध संसाधनों के जरिए ही इस बैच की पढ़ाई प्रारंभ करा दी गई है जो जरूरतें बाकी हैं उनके लिए प्रशासन को लिखा गया है।