बाढ़ पीड़ितों को सहायता न मिलने से नाराज विधायक ने फाड़ा कुर्ता, विधानसभा परिसर में अर्धनग्न

बाढ़ पीड़ितों के समय पर सहायता न मिलने से नाराज श्योपुर से कांग्रेस के विधायक बाबू जंडेल विधानसभा परिसर में अपना कुर्ता फाड़ कर अर्धनग्न हो गये।

Update: 2021-08-10 16:22 GMT

भोपाल। बाढ़ पीड़ितों के समय पर सहायता न मिलने से नाराज श्योपुर से कांग्रेस के विधायक बाबू जंडेल विधानसभा परिसर में अपना कुर्ता फाड़ कर अर्धनग्न हो गये। श्री जंडेल का कहना था कि बाढ की वजह से उनके क्षेत्र में भारी तबाही हुई है। लोगों के पास पहनने तक के लिए कपडे नहीं हैं। ऐसे में जब उनके क्षेत्र की जनता के शरीर पर कपडे नहीं हैं तो वह कैसे कपडे पहन सकते हैं। इतना कहते हुए श्री जंडेल ने अपना कुर्ता फाड़ दिया।

मुख्यमंत्री का हवा में रहा दौरा

विधायक ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाया कि वह तो हवाई सर्वे कर चले गये। जनता के पास तक राहत की सामग्री नही पहुंची। बाढ़ के बाद लोगों का बुरा हाल है। प्रशासन का कोई भी आदमी क्षेत्र में राहत पहुचांने के लिए गंभीर नही दिखा। उन्होने कहा कि समूचे क्षेत्र में बाढ़ की वजह से भारी तबाही हुई है। लोगों के बीच भूखें मरने की नौबत आ गई है। मौसम विभाग की सूचना के बाद भी सरकार ने कोई तैयारी नही की। लोगों को अलर्ट भी नही किया गया। बाढ में हुई तबाही की सारी की सारी जवाबदारी सरकार की हैं उसकी अनदेखी की वजह से क्षेत्र में इतनी बडी तबाही हुई है।

कृषि मंत्री ने कहा नौटंकी है

कृषि मंत्री कमल पटेल ने विधायक द्वारा कुर्ता फाडे जाने की निंदा की है। उनका कहना था कि विधानसभा जो लोकतंत्र का मंदिर है वहां किसी को पहली बार अर्धनग्न मै देख रहा हूं। यह गरिमा के विपरीत किया गया कृत्य है। साथ ही श्री पटेल ने कहा कि सत्ता जाने के बाद कांग्रेस के लेगों की बौखलाहट बढ़ी हुई है। कपडे फाड़ना तो जनता को भ्रमित करने की एक नौटंकी है। सरकार हर बाढ पीडित के साथ है। राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन मुस्तैदी के साथ लगा हुआ है।

केन्द्रीय कृषि मंत्री का हो चुका है विरोध

जानकारी के अनुसार बाढ का मुआयना करने आये केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का स्थानीय लोगों ने काफी विरोध किया था। लोगां ने सरकार पर कई आरोप लगाए। इस विरोध के बाद प्रदेश सरकार ने कार्रवाई करते हुए कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक तथा जिला पंचायत सीईओ के हटा दिया। लोगों ने श्री तोमर को बताया था कि हमें खाने के लिए भी नही मिल रहा है। राहत के नाम पर यहां कुछ नही है।

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