AIIMS Bhopal: चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा एम्स अस्पताल, स्वीकृत 1037 में से 217 पद खाली
गौरतलब है कि कोविड काल में AIIMS, Bhopal में बिस्तरों की संख्या में बेतहासा वृद्धि हुई है।
भोपाल: अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान भोपाल में चिकित्सकों की काफी कमी है। यहां चिकित्सकों के स्वीकृत 1037 पद में से 820 पद भरे हुए हैं। जबकि 217 पद खाली है। चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे एम्स अस्पताल में चिकित्सकों की कमी से यहां की स्थिति क्या होगी इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। गौरतलब है कि कोविड काल में यहां बिस्तरों की संख्या में बेतहासा वृद्धि हुई है। दो साल पूर्व यह अस्पताल 200 बिस्तरों का हुआ करता था। जिसे बढ़ाकर अब 850 कर दिया गया है। बेड तो बढ़ा दिए गए। बेड में मरीज भी भर्ती होने लगे। लेकिन चिकित्सकों की नियुक्ति के संबंध में शासन द्वारा कुछ नहीं किया गया। गौरतलब है कि भोपाल में इतने अधिक बिस्तरों वाला कोई अस्पताल नहीं है।
कोरोना काल में सुधरी स्थिति
बताया गया है कि अस्पताल की स्थिति कोरोना काल में सुधरी थी। 2020-21 यहां 24 आपरेशन थियेटर तैयार किए गए। जिसमें जिसमें से 16 ओटी में काम हो रहा है। कोरोना संक्रमण के दौरान मरीजों की संख्या बढ़ने पर अस्पताल में 500 से अधिक बिस्तर बढ़ाए गए। इन बिस्तरों को उस समय कोविड पेशेंट के लिए आरक्षित किया गया था। हालात सामान्य होने पर अब इन बिस्तरों का इस्तेमाल अन्य विभागों में किया जा रहा है।
यहां सबसे अधिक परेशानी
भोपाल एम्स (AIIMS, Bhopal) में सबसे अधिक परेशानी हार्ट के मरीजों(Heart Patients) को उठानी पड़ रही है। हार्ट विभाग में चिकित्सकों की कमी होने के कारण ऐसे हालात बने हैं। यहां एक भी फैकल्टी नहीं है। इस विभाग में व्याप्त समस्या का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हार्ट मरीजों के लिए एक सप्ताह में एक दिन की ओपीडी का संचालन किया जा रहा है। वह भी सिर्फ शुक्रवार को। यहां बीएमएचआरसी से एम चिकित्सक हर शुक्रवार को ओपीडी में मरीजों को देखने के लिए आते हैं।
अन्य की अपेक्षा बेहतर स्थिति
देश में 19 एम्स अस्पताल है। इन अस्पतालों में से भोपाल एम्स की स्थिति अन्य की अपेक्षा काफी बेहतर है। अब चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे एम्स भोपाल की स्थिति अन्य एम्स की अपेक्षा अच्छी है तो अन्य एम्स में मरीजों की स्थिति क्या होगी इसका आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। भोपाल एम्स के साथ शुरू हुए पांच प्रमुख एम्स भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और रिषीकेश में भी चिकित्सकों की कमी है। यहां मरीजों को मिलने वाली बुनियादी सुविधाआें की भी काफी कमी है।
नॉन फैकल्टी के भी पद खाली
2013 में शुरू हुए एम्स भोपाल में चिकित्सकों के साथ ही अन्य स्टाफ की भी कमी है। यहां लैब टेक्नीशियन (Lab Technician), रेडियोग्राफर, नर्सिंग स्टाफ (Nursing Staff), क्लर्क (Clerk), कार्यालय सहायक (Office Assistant) प्रमुख रूप से शामिल है। एम्स (AIIMS) में नॉन फैकल्टी (Non Faculty) के कुल 3876 पद स्वीकृत है। जबकि इनके विरूद्ध रिक्त पदों (Vacancies)की संख्या 1778 है।