शहडोल और सतना के जिला अस्पताल में नवंबर से अब तक 72 नवजातों की मौत
चिकित्सालयों में नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला लगातार चल रहा है। सतना के सरदार वल्लभ भाई जिला अस्पताल में नवंबर माह में जहां 40 और
शहडोल और सतना के जिला अस्पताल में नवंबर से अब तक 72 नवजातों की मौत
भोपाल। जिला चिकित्सालयों में नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला लगातार चल रहा है। सतना के सरदार वल्लभ भाई जिला अस्पताल में नवंबर माह में जहां 40 और दिसंबर में अब तक 9 बच्चे सहित 49 की मौत हो चुकी है। एसएनसीयू प्रभारी सतना डा. विजेता राजपूत ने बताया कि हमारे यहां उपचार के बाद 80 प्रतिशत बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं, जिन बच्चों की मृत्यु हुई है वे प्र्रीमेच्योर थे।
उनका औसत वजन काफी कम था। वहीं कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय शहडोल में 23 बच्चों की मौत हो चुकी है। शहडोल जिला अस्पताल में बीते दिवस दो नवजात बच्चों ने दम तोड़ दिया। जिनमें एक बच्ची टिकरी टोला थाना पाली जिला उमरिया के एक गांव की बताई गई है। एसएनसीयू व पीआईसीयू के प्रभारी निशांत प्रभाकर ने बताया कि सुहानी बैगा की मौत बुखार और सर्दी के कारण हुई है।
बच्चों की हालत गंभीर थी और परिजन जब यहां लेकर आये तो उन्हें बचाना मुश्किल था। वहीं दूसरी बच्ची ऋतु बैगा जो कि स्वस्थ हो गई थी लेकिन दूध पिलाते समय उसकी मां सो गई तो दूध बच्चे की श्वांस नली में चला गया जिस कारण उसकी मौत हो गई। मिली जानकारी अनुसार रविवार तक एसएनसीयू में 28 बच्चे तथा पीआईसीयू में 7 बच्चे भर्ती थे।
सिविल सर्जन शहडोल डा. जीएस परिहार ने बताया कि टिकरी टोला पाली से जो बच्चे यहां आये थे उनकी सांसें थम चुकी थी। जबकि दूसरी बच्ची की मौत उसकी मां द्वारा उसे फीडिंग कराते समय हुई है। इसमें डाक्टरों की लापरवापही नहीं है।