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पाकिस्तानी अवाम प्लास्टिक की थैलियों में LPG गैस क्यों भरवा रही?

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत
1 Jan 2023 12:30 PM
Updated: 1 Jan 2023 12:30 PM
पाकिस्तानी अवाम प्लास्टिक की थैलियों में LPG गैस क्यों भरवा रही?
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Why are Pakistani people filling LPG gas in plastic bags: पाकिस्तान में LPG सिलेंडर इतना महंगा है कि आपको अपने घर का गैस भरवाना सस्ता लगने लगेगा

Why are Pakistani people filling LPG gas in plastic bags: सोशल मिडिया में पाकिस्तानी जनता की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं. लोग प्लास्टिक के बड़े बड़े थैलों में LPG गैस भरवा रहे हैं. वो हवा में गुब्बारे नहीं उड़ा थे, LPG से भरा गुब्बारा उड़ता भी नहीं है. असल में वह इससे अपने घर में ऐसे ही खाना पकाते हैं LPG को गुब्बारे में भरकर। ऐसा करना मिडल क्लास और गरीब पाकिस्तानी के लिए नॉर्मल सी बात हो गई है. जैसे आप रसोई गैस खत्म होने पर सिलेंडर रिफिल करवाते हैं वैसे इस समय पाकिस्तानी अवाम प्लास्टिक बैग में LPG भरवा कर काम चलाती हैं.

पाकिस्तानी प्लास्टिक बैग में LPG क्यों भरवा रहे

जो तस्वीरें सामने आई हैं वो पाक के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत की हैं. यहां के कराक जिले में 2007 से लोगों के पास गैस कनेक्शन नहीं हैं. वहीं हांगू जिले में पिछले दो सालों से गैस सप्लाई बंद है क्योंकि पाइपलाइन टूटने के बाद मरम्मत नहीं करवाया गया.

पाकिस्तानी पत्रकार गुलाम अब्बास शाह ने एक वीडियो ट्वीट किया है. इसमें कुछ लोग गैस की थैलियों को ले जाते दिख रहे हैं. शाह ने लिखा,

"घरों में नैचुरल गैस की सप्लाई नहीं होने से कराक के लोग प्लास्टिक बैग्स में गैस भरकर ले जा रहे हैं. असल में वे बम लेकर चल रहे हैं. कराक में तेल और गैस का बड़ा भंडार है. लेकिन कराक के लोगों को साल 2007 से ही गैस कनेक्शन नहीं मिल रहा है."

प्लास्टिक बैग में भरते कैसे हैं

इन थैलियों में 2-3 KG LPG भरी जाती है. प्लास्टिक की इन थैलियों पर नोजल और वाल्व लगे होते हैं. गैस सिलेंडर के महंगे दामों की वजह से भी लोग इसे इस्तेमाल कर रहे हैं. रिपोर्ट की मानें तो अलग-अलग साइज के हिसाब से प्लास्टिक थैलियों में गैस 500 से 900 रुपये में मिल रही है.

पाक में गैस सिलेंडर रिफिल कराने के लिए जेब में 2548 रुपए होने चाहिए जो इन गरीब लोगों के पास नहीं है. इसी लिए अपनी जान को रिस्क में लेकर यह प्लास्टिक में ज्वलनशील गैस भरकर उसे अपने चूल्हे से जोड़ते हैं. इस इलाके के रोजाना 8 लोग जलने के कारण अस्पताल जाते हैं.

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