Who Is Svante Paabo: स्वीडन के वैज्ञानिक स्वांते पैबो को नोबेल प्राइज़ क्यों मिला?
स्वांते पैबो कौन हैं: स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पैबो (Svante Paabo) को तीन अक्टूबर के दिन मेडिसिन के नोबल पुरुस्कार (Nobel Prize) से सम्मानित किया गया है. स्वांते पैबो एक वैज्ञानिक हैं जो पैलियो-जेनेटिक्स के संस्थापक रहे हैं. उन्होंने निएंडरथल जीनोम (Neanderthal Genome) पर बड़े पैमाने पर काम किया है.स्वांते पैबो जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी मेंजेनेटिक्स विभाग (Max Planck Institute for Evolutionary Anthropology Department of Mengenetics) के निदेशक के तौर पर भी काम किया है.
Nobel Prize 2022: दिलचस्प बात ये है कि जिस कार्य के लिए स्वांते पैबो (Svante Paabo) को नोबल प्राइज़ मिला है इसी काम के लिए उनके पिता को भी 1982 में नोबल पुरुस्कार से सम्मनित किया गया था. यानी पिता और बेटे को एक ही कार्य के लिए नोबेल प्राइज़ मिला
स्वांते पैबो को नोबल पुरुस्कार किस लिए मिला
For What Svante Paibo get the Nobel Prize: नोबेल समिति के सचिव थॉमस पर्लमैन (Thomas Perlman) ने बताया कि Svante Paabo को लुप्त हो चुकी होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से जुड़ी रिसर्च (Research related to the genome of hominin and human evolution found) के लिए उन्हें नोबेल (Nobel Prize) दिया गया है.
होमिनिन क्या है
What Is Hominin: होमनिन मानव प्रजाति की एक नस्ल थी, जैसे अलग-अलग नस्लों की फॅमिली होती है. जिसे सुपर फैमिली, सब फैमिली में बांटा जाता है. हम इंसान होमिनॉइड (Hominoid) हैं. और Hominoid की सब फैमिली होमनिन है जिसमे चिम्पांजी, गुरिल्ला, बंदर आते हैं. स्वांते पैबो ने लुप्त हो चुकी Hominin पर रिसर्च की थी. और उनके जीनोम मतलब DNA से जुडी पूरी जानकारी जुटा ली थी.
उन्हें नोबल पुरुस्कार से सम्मनित करते वक़्त कहा गया- "स्वांते पैबो ने खोज की है कि, विलुप्त होमिनिन से आज के मानव में जीन ट्रांसफर हुआ है. जीन का ये ट्रांसफर आज के इंसानो के लिए भी बहुत प्रासंगिक है. उदाहरण के लिए संक्रमण के खिलाफ हमारा इम्यून सिस्टम किस तरह से रिएक्ट करता है."
2022 #NobelPrize laureate Svante Pääbo found that gene transfer had occurred from these now extinct hominins to Homo sapiens. This ancient flow of genes to present-day humans has physiological relevance today, for example affecting how our immune system reacts to infections. pic.twitter.com/QYHalqE8sb
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 3, 2022