Wheat Export: मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में दी मंजूरी
Wheat Export: दुनिया के सबसे बड़े गेहूं आयातको में से मिस्र पहले गेहूं के लिए यूक्रेन और रूस पर निर्भर था लेकिन रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण मिस्र(Egypt) अब भारत तक पहुंचा है। भारत और फ्रांस सहित अन्य देशों से मिस्र सरकार वैकल्पिक आपूर्ति को लेकर काम कर रही है।
मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में अनुमति दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि भारतीय किसान(Indian Farmer) दुनिया को खिला रहे हैं। भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता(Wheat Supplier) के रूप में मिस्र ने मंजूरी(Approves) दी है। नरेंद्र मोदी की सरकार ने फैसला लिया और कहा कि हमारे किसानों ने सुनिश्चित किया है कि हम दुनिया की सेवा के लिए तैयार हैं।
भारत ने कई नए बाजारों में किया प्रवेश:
फिलहाल भारत वैश्विक व्यापार में टॉप 10 गेहूं निर्यातकों में से नहीं है, लेकिन भारत अब तक गेहूं का निर्यात अपने पड़ोसी देशों को करता रहा है। निर्यात में इसकी बढ़ोतरी दर अन्य देशों से आगे निकल गई है जो कि दुनिया भर में नए बाजारों तक पहुंचने में तेजी से कदम उठा रही है। 2020-21 में मात्रा और मूल्य के लिहाज से बांग्लादेश की सबसे बड़ी हिस्सेदारी 54% से अधिक है। इसी साल भारत ने अफगानिस्तान, कतर, यमन और इंडोनेशिया जैसे नए गेहूं के बाजारों में प्रवेश किया है।
अली अल-इदरीसी प्रोफेसर के अनुसार:
काहिरा में संस्कृति और विज्ञान शहर में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अली अल इदरीसी ने अल मॉनिटर से बातचीत में कहा था कि भारत मिस्र के लिए गेहूं आयात करने का एक शानदार विकल्प है। भारत के साथ मिस्र के अच्छे व्यापारिक संबंध हैं। और हम पहले भी चावल आयात करने के लिए भारत के साथ काम कर चुके हैं। रसद, शिपिंग की कम लागत सहित आदि को देखते हुए भारत से गेहूं लाने का विकल्प सबसे सही है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार:
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार विश्व में गेहूं निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 1 फ़ीसदी से भी कम है।
भारत की हिस्सेदारी 2016 में 0.14 फीसदी थी जो 2020 में बढ़कर 0.54 हो गई है। भारत 2020 में दुनिया के कुल उत्पादन में करीब 14.14 फ़ीसदी की हिस्सेदारी के साथ गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
Ankit Pandey | रीवा रियासत
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