Water In Mars: बड़ी सफलता, मंगल ग्रह में मिला पानी का भंडार, जीवन की संभावनाएं बढ़ीं
Water In Mars: अपने सौर्यमंडल में पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जहां जीवन है, लेकिन वैज्ञानिक अन्य ग्रहों में भी जीवन की संभावनाओं की तलाश करते रहते हैं। काफी सालों से चांद और मंगल ग्रह (Mars) में वैज्ञानिक पानी और ऑक्सीज़न की तलाश में जुटे थे, चांद (Moon) में तो जीवन फ़िलहाल संभव नहीं है लेकिन मंगल ग्रह में जीवन की संभावनाएं यहां पानी मिलने के बाद बढ़ गई हैं।
Breaking news: I've spotted hidden #water – either ice or water-rich minerals 🤔 – in #Mars' Grand Canyon! ❄️💧🔴
— ExoMars orbiter (@ESA_TGO) December 15, 2021
The reservoir is large, not too deep below ground, & could be easily exploitable for future explorers 🤩
Read on: https://t.co/lIAEuz2tNW#ExploreFarther #ExoMars pic.twitter.com/j1jwSCJebq
यह वैज्ञानिकों के लिए एक बहुत बड़ी सफलता और खोज है, मंगल ग्रह में पानी का विशालकाय भण्डार मिल गया है, यह खोज रूसी स्पेस एजेंसी (Roscosmos) और यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के मंगलयान ने ग्रह की सतह में पानी के विशालकाय सोते की खोज की है. असल में दोनों स्पेस एजेंसी मंगल की सतह में हाइड्रोजन गैस की तलाश कर रहीं थीं लेकिन उन्हें ग्रह में पानी मिल जाएगा ये किसी ने नहीं सोचा था।
कहां मिला इतना पानी
यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) और रूसी स्पेस एजेंसी (Roscosmos) के 'मंगलयान' एक्सोमार्स ट्रेस गैर ऑर्बिटर (ExoMars Trace Gas Orbiter) ने मंगल ग्रह के ग्रैंड कैनियन (Grand Canyon) वैलेस मैरिनेरिस (Valles Marineris) में भारी मात्रा में पानी को खोजा है. यह पानी मंगल ग्रह की सतह से एक मीटर नीचे जमीन के अंदर मौजूद है।
ExoMars नामक यह स्पेसक्राफ्ट मंगल ग्रह का चक्कर लगाता है. इस क्राफ्ट पर मौजूद FREND पेलोड मंगल ग्रह के चारों तरफ हाइड्रोजन की खोज में जुटा था. ताकि पानी की मौजूदगी का पता किया जा सके. लेकिन अचानक उसे वैलेस मैरिनेरिस ग्रैंड कैनियन (Grand Canyon) की जमीन के अंदर भारी मात्रा में पानी की मौजूदगी का पता चला. यह जानकारी मिलते ही यूरोप और रूस के वैज्ञानिक हैरान रह गए. क्योंकि पानी की मात्रा का अनुमान किसी ने नहीं लगाया था. ऐसा होने से मंगल ग्रह में जीवन की संभावनाए बढ़ गई हैं और यह भविष्य में मंगलग्रह में पृथ्वी वासियों को बसाने की योजना के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
एक मीटर नीचे मिला पानी
मॉस्को में मौजूद स्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ द रसियन एकेडमी ऑफ साइंसेस (Roscosmos) के साइंटिस्ट इगोर मित्रोफानोव ने कहा कि एक्सोमार्स ट्रेस गैर ऑर्बिटर (ExoMars Trace Gas Orbiter) मंगल ग्रह की सतह के एक मीटर नीचे तक देख सकता है. रिसर्च में पता लगा है कि पानी की मौजूदगी कहां ज्यादा है और कहां कम है.जो कि अब तक भेजे गए किसी भी यान के पेलोड ने नहीं देखा था. इसका FREND (Fine Resolution Epithermal Neutron Detector) न्यूट्रॉन टेलिस्कोप पेलोड पानी की तलाश करने में निपुण है।
41 हज़ार वर्गमीटर में पानी
FREND ने वैलेस मैरिनेरिस (Valles Marineris) ग्रैंड कैनियन (Grand Canyon) में एक खास जगह का पता किया है, सतह के नीचे हाइड्रोजन पानी के कणों के रूपमें मौजूद है. यहां पर 40% से ज्यादा इलाका पानी से भरा हुआ है. यह इलाका नीदरलैंड्स (Netherlands) देश जितना बड़ा है. यानी 41,543 वर्ग किलोमीटर के के इलाके में पानी ही पानी मौजूद है. मंगल ग्रह पर यह पानी की सबसे बड़ी खोज है।
वैज्ञानिक क्या बोले
स्पेस रिसर्च एक्सपर्ट एलेक्सी मालाखोव (Valles Marineris) ने बताया कि यह मंगल ग्रह में पानी बर्फ के रूप में हो सकता है. या फिर अपने असली स्वरूप में भी. या फिर किसी खनिज के साथ रसायनिक रूप में मिश्रित होकर। लेकिन यह बात तो निश्चित है कि हमें मंगल ग्रह की वैलेस मैरिनेरिस (Valles Marineris) ग्रैंड कैनियन में काफी मात्रा में पानी मिल चुका है. हालांकि हमें उम्मीद है कि ये पानी बर्फ के रूप में ही मौजूद होगा. चुंकि ये सतह के नीचे है, इसलिए सुरक्षित है. सतह के ऊपर होता तो भाप बन जाता।
वैलेस मैरिनेरिस (Valles Marineris) ग्रैंड कैनियन (Grand Canyon) में पानी मिलने से अब फ्यूचर में इस इलाके में कई अन्य मिशन भेजने के रस्ते खुल जाते हैं, ताकि पानी की खोज को और पुख्ता किया जा सके. अगर मंगल ग्रह में पानी मौजूद है तो उसे इंसानों के उपयोग लायक बनाया जा सके. क्योंकि मंगल ग्रह की यह घाटी धरती के ग्रैंड कैनियन से 10 गुना ज्यादा लंबी और 5 गुना ज़्यादा गहरी है।