तालिबान का फरमान! महिलाएं घर में ही काम करें, वरना सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं
Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद शांति और सुरक्षा की बात करने वाला तालिबान (Taliban) अब अपने असली रंग में आ चुका है. अभी तक तालिबान चोरी छुपे कत्लेआम कर रहा था और दुनिया को यह दिखाने की कोशिश कर रहा था कि वह अफगान में हुकूमत करने लायक है. लेकिन अब तालिबान की तरफ से फरमान जारी होने लगे हैं.
तालिबान ने स्वीकार लिया है कि उसके मौजूदा शासन में महिलाएं कतई सुरक्षित नहीं है. साथ ही निर्देश जारी किया है कि महिलाएं घर से काम करें. तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Taliban spokesman Zabiullah Mujahid) ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो टूक कह दिया कि महिलाओं को अपनी सुरक्षा को देखते हुए काम पर नहीं जाना चाहिए.
प्रशिक्षित नहीं होते तालिबानी
मुजाहिद का कहना है कि 'ऐसा करना जरूरी भी है. क्योंकि तालिबानी प्रशिक्षित नहीं होते हैं, वे बदलते रहते हैं. इसलिए यह महिलाओं के लिए आवश्यक है कि वे घर से ही काम करें, इसी में उनकी सुरक्षा है.'
इससे पहले 1996 से 2001 के तालिबानी शासन के बीच अफगानिस्तान में इस कट्टरवादी समूह ने महिलाओं के काम करने के लिए बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. साथ ही उन्हें घर पर ही रहने और बुर्का पहनने के लिए मजबूर कर दिया था.