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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के बिगड़ते हालातों के कारण, 22 अप्रैल तक कोलंबो शेयर बाजार रहेगा बंद

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के बिगड़ते हालातों के कारण, 22 अप्रैल तक कोलंबो शेयर बाजार रहेगा बंद
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श्रीलंका का शेयर बाजार कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज(Colambo Share Market) में कारोबार एक हफ्ते बंद रहेगा।

Sri Lanka Crisis: भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका(Sri Lanka) की हालत गंभीर बनी हुई है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों(Petrol-Diesel Price Hike) एवं रोजमर्रा का सामान खरीदने के लिए विदेशी मुद्रा के अभाव के कारण श्रीलंका के हालात और भी अधिक खराब होते जा रहे हैं। सरकार के लिए लोगों में आक्रोश होने के कारण लोग सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच गहरे वित्तीय एवं राजनीतिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने फैसला लिया है। श्रीलंका का शेयर बाजार कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज(Colambo Share Market) में कारोबार एक हफ्ते बंद रहेगा।

एसईसी से किया गया था आग्रह:

1 दिन पहले कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज के निदेशक मंडल ने एसईसी से कारोबार को अस्थायी तौर पर बंद करने का आग्रह किया था। जिसकी वजह श्रीलंका की आर्थिक हालत बताई गई थी। एसईसी ने यह बड़ा कदम कुछ हफ्तों से श्रीलंका में जारी भारी आर्थिक संकट(Economy Crisis) और फिर उसके बाद उपजी राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए उठाया है।

कब तक कोलंबो शेयर बाजार बंद रहेगा (For How Long The Colambo Stock Market Closed):

श्रीलंका में 18 अप्रैल से शुरू होकर 22 अप्रैल तक कोलंबो शेयर बाजार में कारोबार अस्थाई तौर पर बंद रहेगा। श्रीलंका प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने जानकारी देते हुए कहा कि यह निवेशकों को बाजार के बारे में अधिक स्पष्टता और समझ पैदा करने के लिए मौका देने के इरादे से यह फैसला लिया गया है।

श्रीलंका की आर्थिक स्थिति(Economic Status of Sri Lanka):

2 साल पहले पड़ोसी देश श्रीलंका में आर्थिक विकास की रफ्तार भारत से अधिक थी। 2020 में श्रीलंका की प्रति व्यक्ति आय बाजार विनिमय दर के हिसाब से $4053 वार्षिक और क्रय शक्ति समता के आधार पर $13,537 वार्षिक थी। मानव विकास रिपोर्ट के आधार पर 2020 में, श्रीलंका की स्थिति भारत से कहीं ज्यादा बेहतर थी। संयुक्त राष्ट्र की मानव विकास रिपोर्ट 2020 में, जहां श्रीलंका 72वें स्थान पर था जबकि भारत का स्थान 131 वां ही था। श्रीलंका धीरे-धीरे चीन के कर्ज के दलदल में फंस गया और आज दिवालिया हो गया।

फिलहाल, श्रीलंका के पास रोजमर्रा एवं ईधन के सामान खरीदने के लिए भी जरूरी विदेश मुद्रा नहीं है। यहां तक कि श्रीलंका सरकार ने विदेशी कर्जों के भुगतान को स्थगित कर दिया है।

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