विदेशों में बढ़ी महंगाई: बढ़ती महंगाई के कारण जर्मनी, इटली और स्पेन जैसे कई यूरोपीय देशों में सीमित मात्रा में सामान खरीदने का किया नियम लागू
विदेशों में महंगाई: रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनियाभर के कई देशों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। लगातार पेट्रोल-डीजल एवं कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है जिससे भारत समेत दुनिया के तमाम देशों की मुसीबतें बढ़ती जा रही है। यहां तक कि खाने-पीने की चीजों से लेकर ईंधन की कीमतें आसमान छू रही है। कई देशों में महंगाई के विरोध में दंगे एवं प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं, कई जगह चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है।
खाद्य सामग्री की सप्लाई पर यूरोप में पड़ा असर:
रूस-यूक्रेन को यूरोप का 'ब्रेड बास्केट' कहा जाता है। लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते यूरोप में खाने-पीने की सप्लाई पर असर देखा जा रहा है। यहां खाने पीने की चीजें महंगी हो रही है।
ऑस्ट्रेलिया में असर (Impact Of Inflation In Australia):
ऑस्ट्रेलिया में पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है। इसके चलते महंगाई चुनावी मुद्दा बन गया है। लिहाजा फेडरल सरकार के निम्न मध्यवर्ग के हर परिवार को ₹19000 और इनकम टैक्स में 1.14 लाख रुपए की राहत दी है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने रूस-चीन दोस्ती को नापाक कहां है।
यूके में मंडराया संकट (Impact Of Inflation In UK):
रूस-यूक्रेन विवाद के चलते अनाज के दाम में भी 40.6% की बढ़ोतरी की गई है। सीईबीआर के अनुसार, यूके में घर की आय औसत 2.11 लाख रुपए घट जाएगी। इस युद्ध के कारण फ़र्टिलाइज़र के दाम 5 गुना बढ़ चुके हैं। इससे खाद्य संकट पैदा होगा। पेट्रोल की कीमतें 35% बढ़ गई है। वहीं, गैस की कीमतें 2 साल पहले की तुलना में 20 गुना है।
सामान खरीदने के लिए, किए नियम लागू (Rules For Buying Goods Abroad):
जर्मनी, इटली और स्पेन समेत कई यूरोपीय देशों में आटे और सनफ्लावर ऑयल का स्टॉक खत्म हो रहा है। लोग डर के मारे खरीदारी कर रहे हैं। स्पेन में जरूरी सामानों की बिक्री में 14% उछाल आया है। पेनिक बाइंग रोकने और सामान की उपलब्धता बनाए रखने के लिए इटली, स्पेन, जर्मनी के सुपर मार्केट में ग्राहकों को सीमित मात्रा में सामान देने का नियम लागू किया है। वह एक ग्राहक एक बार में केवल एक ही सनफ्लावर ऑयल की बोतल खरीद सकता है।