ICJ ने रूस को तुरंत सैन्य कार्रवाई रोकने के आदेश दिए हैं क्या रूस ICJ की बात मानाने के लिए बाध्य है?
ICJ: संयुक्त राष्ट्र मतलब United Nation की शीर्ष अदालत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस (ICJ) ने यूक्रेन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रूस को तुरंत हमला रोकने के लिए निर्देश दिए हैं. ICJ ने कहा है कि रूस यह सुनिश्चित करे की यूक्रेन में कोई भी मिलिट्री यूनिट यूक्रेन की जमीन पर सैन्य अभियान को जारी न रखे. इसके अलावा International Court Of Justice ने रशिया को चेतावनी देते हुए ये भी कहा है कि वह ऐसा कोई भी कदम ना उठाए जिससे हालात ख़राब हों.
अब आपके मन में यह सवाल तो जरूर होगा कि रूस को जब यूनाइटेड नेशन, NATO, यूरोपीय यूनियन और अन्य किसी देश की बात नहीं मान रहा है तो यूनाइटेड नेशन के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को क्यों मानेगा? कौन सा उसे अदलात सज़ा देगी और पुतिन को पकडने के लिए कौन आएगा? लेकिन आपको बता दें की ICJ के आदेश का पालन करने के लिए रूस बाध्य है और इसका पालन करना रूस का दाइत्व है. कैसे और क्यों आइये जानते हैं.
ICJ ने रूस यूक्रेन जंग में क्या फैसला सुनाया
International Court Of Justice ने बुधवार को यूक्रेन रूस जंग के बीच यूक्रेन का साथ दिया है। दोनों देशों के पक्षकार कोर्ट में मौजूद थे और रूस की तरफ से यह दलील दी गई कि कुछ लोगों के नरसंहार को रोकने के लिए विशेष सैन्य कार्रवाई रूस द्वारा की गई है। लेकिन ICJ ने इस दलील को सिरे से ख़ारिज कर दिया।
ICJ ने कहा कि- यूक्रेन को यह अधिकार है कि उसे रूस द्वारा सैन्य अभियान में निशाना ना बनाया जाए, यूक्रेन और रूस दोनों जेनोसाइड कन्वेंशन का हिस्सा हैं. कोर्ट ने कहा इस जंग में इतना नुकसान हो सकता है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। ऐसे सैन्य अभियान में नागरिकों की आबादी में खरता होता है। रूस की कार्रवाई में पहले ही कई लोगों की जान जा चुकी है, बहुत बड़ी सांख्य में लोग भाग रहे हैं.
इस सुनवाई के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने ट्वीट करते हुए कहा- इंटरनेशनल कोर्ट में रूस के खिलाफ यूक्रेन को जीत मिली है. ICJ ने तुरंत रूस को हमला रोकने के लिए निर्देश दिए हैं, रूस को अंतराष्ट्रीय कानून को मानना होगा, रूस को तुरंत इसका पालन करना होगा। इसकी अनदेखी रूस को नुकसान पंहुचा सकती है।
क्या ICJ के फैसले का पालन करने के लिए बाध्य है
ऐसा कुछ नहीं है. इंटरनेशनल लॉ के हिसाब से सभी देशों को ICJ के आदेश को मानाने की बाध्यता तो है, लेकिन जरूरी नहीं है कि रूस जैसा शक्तिशाली देश ICJ की बात मान ही ले. आदेश मानना है या नहीं यह रूस के राष्ट्रपति पर निर्भर करता है. ICJ तो आदेश दे सकता है लेकिन उसे लागू करने में ICJ कुछ नहीं कर सकता। ऐसा कई बार हुआ है कि कई देशों ने ICJ के आदेश का पालन नहीं किया है। ICJ की बात अगर रूस नहीं मानता है तो ज़्यादा से ज़्यादा उसपर अंतराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे और ये तो अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन सहित यूरोपीय देश पहले ही कर चुके हैं. पुतिन को पकड़ने के लिए कोई पुलिस थोड़ी भेज दी जाएगी। आपको याद दिला दें कि फ़्रांस के राष्ट्रपति ने कहा था कि पुतिन यूक्रेन के खिलाफ आखिरी अंजाम तक सैन्य कार्रवाई करते रहेंगे।