पाकिस्तान में जो 2300 साल पुराना बौद्ध मंदिर मिला है, उसमें कितना खजाना भरा था
Buddha Temple Found In Pakistan: देश के पडोसी और दुश्मन मुल्क पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा राज्य के स्वात जिले में बारीकोट तहसील के बाजीरा शहर में 2300 साल पुराना प्राचीन बौद्ध मंदिर मिला है. मंदिर के अलावा पुरातत्वविदों को 2,700 बौद्धकालीन कलाकृतियों के सिक्के, अंगूठियां, बर्तन और यूनान के राजा मिनांदर के काल की खरोष्ठी भाषा में लिखी सामग्री भी मिली हैं. इटली के विशेषज्ञों का कहना है कि स्वात जिले के ऐतिहासिक बाजीरा शहर में खुदाई के दौरान और भी पुरातात्विक स्थल मिल सकते हैं.
बुद्ध धर्म की शुरुआत भारत से हुई, जब गौतम बुद्ध ने बोधगया में इसकी नीव रखी, इसके बाद बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार करने के लिए इसके अनुयाइयों ने पूरी दुनिया में धर्म का पालन कराने के लिए मंदिर और स्तूपों का निर्माण किया, उस काल के अखंड भारत में तिब्बत, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, श्रीलंका सहित जापान और चीन से भी आगे तक बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार किया गया था
तक्षशिला के मंदिरों से भी पुराना
पाकिस्तान और इतालवी पुरातत्वविदों ने उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में एक ऐतिहासिक स्थल पर संयुक्त रूप से खुदाई करने के दौरान बौद्ध काल के 2,300 साल पुराने एक मंदिर की खोज की है तथा इसके अलावा अन्य बेशकीमती कलाकृतियां भी बरामद की गयी हैं. स्वात में मिला यह मंदिर पाकिस्तान के तक्षशिला में मिले मंदिरों से भी पुराना बताया जा रहा है। खोजकर्ताओं ने पाकिस्तान में इटली के राजदूत आंद्रे फेरारिस ने पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान में पुरातात्विक स्थल दुनिया के विभिन्न धर्मों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.
भगवान विष्णु के मंदिर के भी अवेशष मिले थे
पाकिस्तान का इतिहास भारत से ही शुरू होता है, प्राचीन और मध्यकालीन से लेकर मॉर्डन इतिहास तक पाकिस्तान भारत का एक प्रान्त रहा है, जिहादी मुग़लों के आने से पहले यहां सनातन धर्म के लोग रहते थे। इसी यहां हज़ारों मंदिर थे, जिनमे जैन और बौद्ध के मंदिर भी शामिल थे, ये कोई पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान में प्राचीन मण्डितों के अवशेष मिले हैं इससे पहले साल 2020 में पाकिस्तान के स्वात जिले में ही खुदाई के दौरान पुरातत्वविदों को भगवान विष्णु मंदिर के अवशेष मिले थे. इस मंदिर के अवशेषों से पता चला कि यहाँ कम-से-कम 1,000 साल पुराना हिंदू मंदिर था. इस मंदिर की खोज भी पाकिस्तान और इटली के पुरातत्वविदों के संयुक्त दल ने ही की थी. इस मंदिर का अवशेष बारीकोट घुंडई के पहाड़ियों के बीच खुदाई के मिला था.