RBI: महंगाई को काबू करने में नाकाम रहा, देखें

आरबीआई जहां एक तरफ पहली बार लक्ष्य के अनुसार महंगाई को काबू में नहीं रख पाया.
12 अक्टूबर को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कुल महंगाई 6 फीसदी से ऊपर रही.
पहली बार हुआ हुआ जब रिटेल महंगाई लगातार नौवें महीने 6 फीसदी की उच्चतम सीमा से ऊपर रही.
इसकी वजह से तय व्यवस्था के अनुसार आरबीआई को पत्र लिखकर सरकार को यह बताना पड़ा कि आखिर वह महंगाई को लक्ष्य के अनुसार काबू में क्यों रख सका.
RBI को रिटेल महंगाई दर 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी यानी 2 से 6 फीसदी के बीच रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है.
कई देशों में महंगाई दर 40-40 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई.
बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिए RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने अचानक से बैठक कर इस साल 4 मई को रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की.
RBI ने चालू वित्त वर्ष के लिए इकोनॉमिक ग्रोथ रेट के अनुमान को कम कर 6.8 फीसदी कर दिया है.
एमपीसी की बैठक के ताजा ब्योरे से भी इस बात की पुष्टि होती है. इसका एक कारण इकोनॉमिक ग्रोथ को गति देना भी है.
Author : Akash dubey
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