क्या वाकई 'जवान' Anti-BJP फिल्म है?

या फिर शाहरुख और मेकर्स ने विपक्ष और कांग्रेस पर निशाना साधा है!
एक तरफ जहां जवान धमाकेदार कमाई कर रही है, वहीं फिल्म की स्टोरी विवादों में आ गई है।
फिल्म में दिखाए गए करप्शन, किसान आत्महत्या के मामलों को लेकर एसआरके और मेकर्स पर निशाना साधा जा रहा है कि फिल्म 'एंटी-बीजेपी' है।
फिल्म की शुरुआत में किसानों के आत्महत्या का मुद्दा उठता है। जिस पर शाहरुख खान 'विक्रम राठोर' बनकर कृषि मंत्री से किसानों की आत्महत्या को लेकर सवाल करते हैं।
यहां मंत्री से पूछा जाता है कि 40 हजार का कर्ज लेने वाले किसान को प्रताड़ित किया जाता है जिससे वह आत्महत्या कर लेता है और 40 हजार करोड़ के कर्जदार उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर दिया जाता है और वे आसानी से बच निकलते हैं।
दूसरे प्लॉट में सरकारी अस्पतालों का मुद्दा उठाया जाता है, जहां सरकारें सरकारी अस्पतालों में अच्छे संसाधनों और इलाज की बातें करती हैं। लेकिन वास्तविकता कुछ और ही होती है।
इसके बाद फिल्म में इंडियन आर्मी को प्राइवेट संस्था द्वारा टेंडर कर दिए जाने वाली डिफ़ेक्टिव वीपंस की बात होती है।
दरअसल, ये सभी मुद्दे सीधे जनता और देश से जुड़े मुद्दे हैं। लेकिन कुछ लोग इसे मोदी सरकार के खिलाफ एक प्रोपेगांडा मान रहें हैं। जबकि फिल्म में किसी भी पार्टी या सरकार का जिक्र नहीं किया गया है।
2018 NCRB के आंकड़ों के अनुसार
भारत में किसान आत्महत्या की दर में पिछले कुछ वर्षों में कमी आई है। 2018 में, 100,000 भारतीयों पर 10.2 आत्महत्याएं हुईं, जो काफी हद तक WHO के वैश्विक आत्महत्या दर के अनुमान के अनुरूप है, लेकिन 100,000 किसानों और खेत मजदूरों पर 3.6 आत्महत्याएं हुईं। जबकि 2008 में किसानों का दर 1 लाख किसानों और खेतिहर मजदूरों पर 8.2 फीसदी रहा है।
2014 के बाद किसानों के आत्महत्या दर में गिरावट
2014 के बाद से किसानों और खेतिहर मजदूरों के आत्महत्या की दर में काफी गिरावट दर्ज की गई है। 2014 में 100,000 किसानों और खेत मजदूरों पर 4.5, 2015 में 4.6, 2016 में 4.1, 2017 में 3.8 और 2018 में 3.6 फीसद आत्महत्याओं के मामले सामने आए हैं।
कुल मिलाकर फिल्म में आम जनता से जुड़े मुद्दों को दिखाया गया है और फिल्म में शाहरुख खान यह मैसेज देते दिख रहें हैं कि वोट देने से पहले जनता को उनसे सवाल करना चाहिए जिसे वे अगले 5 साल के लिए सत्ता सौंप रहें हैं। सत्ता में आने के बाद वे जनता के लिए क्या करेंगे इस पर सवाल करना चाहिए।
फिल्म न ही भाजपा सरकार के खिलाफ है और न ही पिछली सरकारों के खिलाफ। यह फिल्म है तो सिर्फ जनता और सिस्टम को जागरूक करने के लिए।
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