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ज्ञानवापी का ASI सर्वे होगा लेकिन शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं! ज्ञानवापी का इतिहास जानें
ASI survey Gyanvapi Shivling: वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी का ASI सर्वे कराने की अनुमति दे दी है. मुस्लिम पक्ष इस सर्वे के खिलाफ था कोर्ट ने उनकी याचिका ख़ारिज कर दी है. हालांकि कोर्ट ने ज्ञानवापी के विवादित हिस्से और शिवलिंग का सर्वे करने से मना किया है क्योंकी ज्ञानवापी शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट में है लेकिन बाकी पूरे परिवार का ASI सर्वे होगा
कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा- Without Causing Harm यानी बिना नुकसान पहुंचाए, साइंटिफिक सर्वे किया जाए। इसकी रिपोर्ट ASI 4 अगस्त तक कोर्ट में सब्मिट करे।
ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से केस लड़ रहे विष्णु शंकर जैन ने कहा- हमने अदलात से पूरे परिसर का ASI सर्वे कराने की अनुमति मांगी थी. कोर्ट ने हमे अनुमति दे दी है. शिवलिंग का सर्वे नहीं होगा क्योंकी यह मामला SC में विचाराधीन है जिसकी सुनवाई 29 जुलाई को है.
ज्ञानवापी में कौन सा शिवलिंग है
इतिहासकारों की मानें तो ज्ञानवापी में मौजूद शिवलिंग 'आदिविश्वेश्वर' हैं. ज्ञानवापी पहले मंदिर था इस बात को नाकारा नहीं जा सकता है. इससे पहले हुए सर्वे में जिस हिस्से को मस्जिद कहा जाता है वहां की दीवारों में त्रिशूल, कलश, स्वस्तिक के निशान मिले हैं जिससे यह साबित होता है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है.
विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में यही दलील भी दी है. उधर मुस्लिम पक्ष कहता है यहां हमेशा से मस्जिद थी, कोई मंदिर तोड़कर ज्ञानवापी नहीं बनाई गई है. हालांकि मुस्लिम पक्ष के बाद इस दावे से जुड़ा कोई सबूत नहीं है.
ये तस्वीर ज्ञानवापी की दिवार की है ये किस एंगल से मस्जिद की दिवार लग रही है? जाहिर है पहली नज़र में देखते ही आप इसे प्राचीन मंदिर ही कहेंगे। लेकिन मुस्लिम पक्ष है कि सच्चाई जानते हुए भी मानने को तैयार नहीं है.
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