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शिवपाल यादव को योगी सरकार का दूसरा तोहफा, मायावती के बंगले के बाद मिलेगी Z+ सिक्योरिटी!
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी से अलग होकर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने वाले और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव को योगी सरकार दूसरी सौगात देने जा रही है। सरकार के सूत्रों की माने तो जल्द ही शिवपाल को भी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बराबर जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जा सकती है।
गृह विभाग के सूत्रों के मुताबिक, सरकार शिवपाल को भी अखिलेश की तरह 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा देने जा रही है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि कोई नहीं कर रहा है, लेकिन सत्ता के गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि बहुत जल्द शिवपाल भी जेड सुरक्षा श्रेणी के तहत कमांडों से घिरे नजर आएंगे।
सूत्रों के मुताबिक, शिवपाल व मुख्यमंत्री के बीच हुई मुलाकात के बाद सरकार ने शिवपाल के करीबी रिश्तेदार आईएएस अधिकारी अजय यादव की प्रतिनिुयक्ति अवधि बढ़ाने को मंजूरी दे दी। तभी शिवपाल और सरकार के बीच नजदीकी बढ़ने की बात कही जाने लगी थी।
इसी बीच शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को आवंटित लाल बहादुर मार्ग का बंगला नंबर छह शिवपाल को आवंटित कर दिया गया। शिवपाल को भी अखिलेश की तरह 'जेड प्लस' की सुरक्षा दिए जाने को लेकर गृह विभाग को संकेत दे दिए गए हैं, लेकिन गृह विभाग का कोई अधिकारी इस मुद्दे पर मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
समाजवादी पार्टी से अलग होकर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने वाले और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव को योगी सरकार ने बसपा सुप्रीमो मायावती की खाली बंगला अलॉट कर दिया है।गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मई में आदेश दिया था कि उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब सरकारी बंगले खाली करने होंगे, इसके बाद अखिलेश यादव, राजनाथ सिंह, मायावती और मुलायम सिंह यादव ने अपने बंगले खाली कर दिए थे।
शिवपाल यादव पर इस मेहरबानी से कई कयास लगाए जा रहे हैं। राज्य संपत्ति विभाग के इस फैसले को सियासी नजरिए से देखा जा रहा है। लोग इसे शिवपाल की बीजेपी से नजदीकी का फल मन रहे हैं। हालांकि शिवपाल को ये बंगला बतौर विधायक दिया गया है कहा जा रहा है कि बंगले का आवंटन होने के बाद शिवपाल बंगले में गए उम्मीद है कि इस बंगले में शिवपाल अपनी नवगठित पार्टी का आफिस बना सकते हैं।
यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शिवपाल को अपनी पार्टी को बीजेपी में विलय करने की सलाह दी थी वहीं सपा के महासचिव रामगोपाल यादव भी शिवपाल पर बीजेपी से मिलाने का आरोप इशारों में लगा चुके हैं। कयास है कि अखिलेश के खिलाफ शिवपाल को आगे बढ़ाकर बीजेपी यूपी में 2019 की सियासी जंग में बढ़त लेना चाहती है और बंगला अलॉटमेंट इसी की एक कड़ी हो सकता है।