उत्तरप्रदेश

कौन था श्रीप्रकाश शुक्ला, जिसे अतीक अहमद की हत्या करने वाला सनी सिंह अपना आइडल मानता है

कौन था श्रीप्रकाश शुक्ला, जिसे अतीक अहमद की हत्या करने वाला सनी सिंह अपना आइडल मानता है
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Who was Sri Prakash Shukla: अतीक अहमद की हत्या करने वाले तीन आरोपियों में से एक बांदा के Sunny Singh को लोग नया श्रीप्रकाश शुक्ला रह रहे हैं

Who was Sri Prakash Shukla: यूपी के सबसे कुख्यात माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या हुई तो यूपी के पुराने डॉन श्री प्रकाश शुक्ला की चर्चा होने लगी. अतीक की हत्या करने वाले तीन आरोपियों में से एक को नया श्रीप्रकाश शुक्ला कहा जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी सनी सिंह श्री प्रकाश शुक्ला को अपना आइडल मानता है.

सनी सिंह की उम्र सिर्फ 23 साल है मगर उसके खिलाफ 14 केस दर्ज हैं. जिस तरह सनी सिंह कम उम्र से अपराध के रास्ते में चल पड़ा था ठीक उसी तरह श्री प्रकाश शुक्ला ने भी जुर्म को अपना प्रोफेशन बना लिया था. यह वही कुख्यात अपराधी था जिसने 90 के दशक में आतंक मचाया हुआ था. उसने तत्कालीन सीएम को मारने की सुपारी तक लेली थी. लेकिन बाद में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया.

अतीक के किलर सनी सिंह का बैकग्राउंड

सनी सिंह उर्फ़ मोहित पर हत्या, लूट और आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं. वह 2021 तक चित्रकूट जेल में बंद था. जब वह 12 साल का था तभी अपना घर छोड़कर चला गया था. सनी के भाई पिंटू सिंह ने कहा कि सनी कभी दोबारा घर लौट के नहीं आया, उसने अतीक अहमद को मार डाला यह बात मीडिया से मालूम हुई.

सनी सिंह को जानने वाले लोग कहते हैं कि उसे बचपन से ही बंदूकों में बहुत इंटरेस्ट था. वह गैंगस्टर्स और माफियाओं को अपनी प्रेरणा मानता था. वह शश्रीप्रकाश शुक्ला का फैन था. साइबर कैफे में जाकर उसकी फोटो निकलवाता था और अपने घर में लगाता था.

कौन था श्रीप्रकाश शुक्ला

श्रीप्रकाश शुक्ला उत्तर प्रदेश का बदमान माफिया और अपराधी था. राजनेता अपने विरोधियों का सफाया करवाने के लिए उसे सुपारी देते थे. गोरखपुर के मामखोर गांव में वह पैदा हुआ था, वह बचपन से ही पहलवानी करने लगा था. श्रीप्रकाश के पिता हेडमास्टर थे, उसका कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड नहीं था. वह सीधा-साधा लड़का था पहलवानी करना था. मगर एक दिन राकेश तिवारी नाम के शख्स ने उसकी बहन को छेड़ दिया था.

1993 में श्रीप्रकाश ने राकेश तिवारी की हत्या कर दी थी और इसके बाद वह बैंकॉक भाग गया था. लेकिन जब वो लौट कर आया तो बिहार के माफिया सूरज भान की गैंग में शामिल हो गया. कुछ समय श्रीप्रकाश यूपी और बिहार में खतरनाक गैंगस्टर बन गया. वो यूपी, बिहार, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और नेपाल तक गैरकानूनी धंधे करने लगा. पैसे के पीछे बेतहाशा भागते हुए श्रीप्रकाश ने फिरौती के लिए किडनैपिंग, ड्रग्स, लॉटरी और सुपारी किलिंग के जरिये खूब पैसा कमाया.

श्रीप्रकाश ने 1997 में लखनऊ के वीरेंद्र सिंह साही की हत्या कर दी थी, जो एक राजनेता और राज्य अंडरवर्ल्ड के मेंबर थे. इसके बाद 1998 में उसने कुणाल रस्तोगी का अपहरण कर लिया था और उसके पिता की जान ले ली थी. बाद में 5 करोड़ रुपए की फिरौती लेकर बच्चे को छोड़ दिया था जून 1998 में उसने बिहार के मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कर दी थी. कहा जाता है कि उनकी हत्या विधायक देवेंद्र नाथ दुबे ने करवाई थी इसके बाद शुक्ला ने बिहार के पूर्णिया सीट से MLA रहे अजित सरकार की हत्या कर दी थी

इसके बाद उसने यूपी में मुख्य मंत्री कल्याण सिंह को मारने के लिए 6 करोड़ रुपए की फिरौती ले ली थी. मगर फरुखाबाद से सांसद रहे साक्षी महाराज ने यह बात सरकार से बता दी थी और शुक्ला का प्लान बर्बाद हो गया था. जिसके बाद यूपी पुलिस ने इसी साल STF का गठन किया था. जिनका मकसद बदमाशों का खात्मा करना था. STF की लिस्ट में श्रीप्रकाश शुक्ला भी था.

जिसके बाद STF ने शुक्ला को मारने के लिए मिशन शुरू किया और 22 सितंबर 1998 को गाजियाबाद में STF ने उसका एनकाउंटर कर दिया। तब शुक्ला सिर्फ 25 साल का था. शुक्ला की मौत के बाद पता चला कि वह यूपी और बिहार की सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के साथ विपक्षी नेताओं का खास आदमी था. और उनकी के संरक्षण में पलता था. शुक्ला की कहानी किसी फिल्म जैसी रही. जिसमे नेता गुंडे का इस्तेमाल करते और काम पूरा होने के बाद उसका ही सफाया कर देते।

अय्याशी ने मार डाला

श्रीप्रकाश की कमजोरी थी पैसा, वह पैसों के लिए कुछ भी कर देता और अपने शौख पूरे करने के लिए पानी की तरह पैसा बहाता। वह महंगी गाड़ियां, महंगे होटल, महंगी कॉलगर्ल का शौक रखता था. उसकी एक गर्लफ्रेंड थी जो दिल्ली में रहती थी. STF को इसकी जानकारी मिल गई. जिस दिन वह अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए दिल्ली गया, STF की टीम ने उसका पीछा किया। इंदिरापुरम में STF ने शुक्ला को पकड़ लिया, उसे सरेंडर करने का मौका दिया गया मगर उसने फायरिंग कर दी




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