उत्तरप्रदेश

UP Pratapgarh: मोहर्रम के पहले गांव में तैनात हो जाती है फोर्स, राजा रहते हैं कैद में, आखिर क्यों आइए जानें

UP Pratapgarh: मोहर्रम के पहले गांव में तैनात हो जाती है फोर्स, राजा रहते हैं कैद में, आखिर क्यों आइए जानें
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UP Pratapgarh: देश का एक ऐसा गांव है जहां हर वर्ष मोहर्रम के कुछ दिन पूर्व भारी संख्या में पुलिस बल लगा दी जाती है।

Uday Pratap Singh House Arrest in Mohrram: इस्लाम धर्म के पवित्र महीने मे हजरत इमाम हुसैन (Hazrat Imam Husain) की शहादत को याद करते हुए मोहर्रम (Moharram) का त्यौहार मनाया जाता है। इस वर्ष मतलब 2022 में मोहर्रम का त्यौहार 9 अगस्त को पड़ रहा है। किस मोहर्रम के मौके पर आज हम एक विशेष चर्चा करने जा रहे हैं । क्योंकि देश का एक ऐसा गांव है जहां हर वर्ष मोहर्रम के कुछ दिन पूर्व भारी संख्या में पुलिस बल लगा दी जाती है। साथ ही 10 दिन तक फोर्स तैनात रहकर चप्पे-चप्पे की निगरानी करती है। यह क्रम आज से नहीं पिछले 10 वर्षों से चल रहा है।

पुलिस कर लेती है हाउस अरेस्ट

हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले (Pratapgarh District UP) में स्थित शेखपुर गांव की। जहां मोहर्रम के ठीक पहले यह सब होता है। सुरक्षा के मद्देनजर जिला प्रशासन राजा भैया (Raja Bhaiya) के पिता उदय प्रताप सिंह को हाउस अरेस्ट (Uday Pratap Singh House Arrest) कर लेती है।

क्या है पूरा मामला

इन सब बातों को सुनने के बाद आपको भी लग रहा होगा कि आखिर ऐसी क्या बात हो गई जिससे प्रशासन को इतने सख्त कदम उठाने पड़े। तो चलिए इस पर बारीकी से नजर दौड़ाते हैं और जानने का प्रयास करते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है।

बताया जाता है कि वर्ष 2012 में कुंडा के शेरपुर गांव में सड़क किनारे एक बंदर की मौत हो गई। कहते हैं उस बंदर को ग्रामीणों ने हनुमान जी का स्वरूप मानकर हनुमान मंदिर का निर्माण करवाया और पूजा पाठ करने लगे। इस मंदिर में विधिवत हनुमान जी की पूजा अर्चना होने लगी। भंडारे का आयोजन किया गया। इस आयोजन के मुख्य आयोजक के तौर पर राजा उदय प्रताप सिंह रहते है। यहां तक तो बात सही थी लेकिन बात बिगड़ने शुरू हो गई जिस दिन मोहर्रम होता था उसी दिन भंडारा और मोहर्रम का जुलूस एक साथ निकाला। लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोगों को इससे नाराजगी हुई।

बताया जाता है कि वर्ष 2012 इस घटना में हिंदू समाज के लोगो ने विधिवत पूजा पाठ भंडारे का आयोजन किया। यही क्रम 2013 और वर्ष 2014 में भी चला। लेकिन बाद में वर्ष 2015 मे कुछ अनबन की स्थिति बनने लगी।

नहीं उठाई ताजिया

बताया जाता है कि वर्ष 2015 में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हनुमान मंदिर में आयोजित होने वाले भंडारे का विरोध करने लगे। मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना था कि जब तक इस मोहर्रम के दिन इस भंडारे और झंडे पर रोक नहीं लगाई जाती वह ताजिया नहीं उठाएंगे। इसका जमकर विरोध हुआ और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ताजिया नहीं उठाया। जिस पर प्रशासन मौके पर पहुंचा और मामले को शांत करते हुए ताजिया दफन करवाया गया।

हाई कोर्ट पहुंचा मामला

यह मामला यहीं नहीं रुका। अगले वर्ष 2016 में स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने राजा उदय प्रताप सिंह को भंडारे की अनुमति नहीं दी। जिस पर यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर कोई स्पष्ट निर्णय देने के बजाय डीएम को स्थिति के अनुसार निर्णय लेने का अधिकार सौंप दिया। फिर हुआ यह कि उदय प्रताप सिंह को हर बार मुहर्रम में हाउस अरेस्ट किया जाने लगा।

भंडारे कि नहीं मिली अनुमति

अब हर वर्ष पुलिस की मौजूदगी में मोहर्रम का त्यौहार मनाया जाने लगा। लेकिन प्रशासन ने भंडारे को आयोजित करने की अनुमति नहीं दी। 7 वर्ष से यही कर्म चल रहा है।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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