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हाथरस हादसे पर योगी का एक्शन: SDM, CO, तहसीलदार, इंस्पेक्टर समेत 6 अफसर सस्पेंड, SIT रिपोर्ट में साजिश की आशंका; आयोजकों पर लापरवाही का आरोप
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उत्तरप्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को हुए भगदड़ हादसे के बाद 7 दिनों तक यूपी सरकार चुप रही। आखिरकार सोमवार रात सीएम योगी को 900 पन्नों की SIT रिपोर्ट सौंपी गई। रिपोर्ट में सत्संग आयोजकों की लापरवाही और स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 6 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। रिपोर्ट में साजिश की आशंका भी जताई गई है, जिसकी गहन जांच की जाएगी।
हादसे के 7 दिन बाद सरकार का एक्शन
हाथरस हादसे के 7 दिन बाद यूपी सरकार ने पहला बड़ा एक्शन लिया है। SDM, CO, इंस्पेक्टर समेत 6 अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई SIT रिपोर्ट के आधार पर की गई है। SIT ने सोमवार रात सीएम योगी को 900 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी।
SIT रिपोर्ट में क्या है
हादसे में साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसकी गहनता से जांच जरूरी है। हादसा आयोजकों की लापरवाही से हुआ। स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया। वरिष्ठ अफसरों को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। भीड़ के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए, जिसके चलते हादसा हुआ है। आयोजकों ने बिना पुलिस वैरिफिकेशन जिन लोगों को अपने साथ जोड़ा, उनसे अव्यवस्था फैली है। जांच के दौरान 150 अफसरों, कर्मचारी और पीड़ित परिवारों के बयान दर्ज किए गए।
सत्संग आयोजकों पर लापरवाही का आरोप
SDM, CO, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज ने अपनी जिम्मेदारी में लापरवाही की। SDM ने बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए कार्यक्रम की अनुमति दी। सीनियर अफसरों को भी जानकारी नहीं दी। आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम की अनुमति ली। आयोजकों ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया। पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया। हादसे के बाद आयोजक मंडल के सदस्य घटनास्थल से भाग गए।
तीन स्तरों पर जांच
2 जुलाई को हुई भगदड़ में 123 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले की तीन स्तरों पर जांच हो रही है। पहली रिपोर्ट SDM ने हादसे के 24 घंटे बाद सौंपी थी। दूसरी रिपोर्ट SIT ने सोमवार को सौंपी। तीसरी जांच न्यायिक आयोग द्वारा की जाएगी। आयोग 2 महीने में रिपोर्ट सौंपेगा।