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नेपाल से अयोध्या लाई जा रहीं 6 करोड़ साल पुरानी, 40 टन वजनी दो शालिग्राम चट्टानें, इनसे भगवान श्री राम और माता सीता की प्रतिमाएं बनेगीं
नेपाल की शालिग्राम शिला: हिंदुओं के आराध्य भगवान श्री राम जी की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. जो इसी साल दिसंबर में पूरा हो जाएगा। अयोध्या मंदिर में श्री राम और माता सीता की प्रतिमाएं 6 करोड़ वर्ष पुरानी शालिग्राम शिलाओं को आकार देकर बनाई जाएंगी। इसके लिए नेपाल से 40 टन वजनी दो विशालकाय चट्टानों को नेपाल से अयोध्या लाया जा रहा है.
इन दोनों शालिग्राम शिलाओं से भगवान राम और माता जानकी की भव्य प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा। इन प्रतिमाओं को गर्भगृह में रखा जाएगा या बाहर यह स्पष्ट नहीं है. इसपर राम मंदिर ट्रस्ट फैसला करेगा।
नेपाल से मंगवाई गईं शालिग्राम शिलाएं
नेपाल के पोखरा में मौजूद शालिग्राम नदी जिसे काली गंडकी भी कहते हैं वहीं से इन दो शालिग्राम चट्टानों को जियोलॉजिकल और ऑर्किलॉजिकल विशेषज्ञों की देखरेख में निकाला गया है. 26 जनवरी को इन्हे ट्रक में लोड किया गया है. जिसके बाद दोनों चट्टानों की पूजा अर्चना करने के बाद भारत के लिए रवाना कर दिया गया. जहां-जहां यह शिलाएं पहुंच रही हैं वहां रहने वाले लोग इनकी पूजा कर रहे हैं.
एक शिला का वजन 26 टन है जबकि दूसरी शिला 14 टन वजनी है. कहा जा रहा है कि यह दोनों चट्टानें 6 करोड़ साल पुरानी हैं. राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने कहा, "हमें अभी शिलाओं को अयोध्या लाने के लिए कहा गया है। शिलाओं के अयोध्या पहुंचने के बाद ट्रस्ट अपना काम करेगा। ये शिलाएं अयोध्या में 2 फरवरी को पहुंच सकती हैं।
बता दें कि इन दोनों चट्टानों को नदी से निकाले जाने के पहले धार्मिक अनुष्ठान किए गए। नदी से क्षमा याचना की गई। विशेष पूजा की गई।शिला यात्रा के साथ करीब 100 लोग चल रहे हैं। विश्राम स्थलों पर उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है
31 जनवरी को यह शिलाएं बिहार से होते हुए यूपी पहुंचेगीं, बिहार में 51 स्थानों में इनकी पूजा होगी। शिलाओं को अयोध्या पहुंचने में 2 फरवरी तक का समय लग जाएगा।