उत्तरप्रदेश

Ring Road की राह में आ रहे 132 मकान के मालिकों को अब नए दर पर मिलेगा मुआवजा, CM ने दिया आश्वासन, देखे आपके एरिया का नाम तो नहीं...

Ring Road की राह में आ रहे 132 मकान के मालिकों को अब नए दर पर मिलेगा मुआवजा, CM ने दिया आश्वासन, देखे आपके एरिया का नाम तो नहीं...
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मकान मालिक जमीन और मकान देने के बदले नए डर से मुआवजा की मांग पर अड़े हुए थे।

Kauria to Jagdishpur Koni Ring Road In Gorakhpur Uttar Pradesh: गोरखपुर में जंगल कौड़िया से जगदीशपुर कोनी मे बनाई जा रही है रिंग रोड मे एक नया मोड आ गया है। इस रिंग रोड में 132 मकान आ रहे थे। मकान मालिक जमीन और मकान देने के बदले नए डर से मुआवजा की मांग पर अड़े हुए थे। प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा था। मजबूरन किसानों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और अब उन्हें आश्वासन मिल चुका है। बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा है कि प्रशासन किसानों के साथ बैठक कर नई दर पर माझे का भुगतान करें।

क्या है पूरा मामला ring road in gorakhpur

गोरखपुर में नए रिंग रोड का निर्माण हो रहा है। रिंग रोड की लंबाई लगभग 26 किलोमीटर है। रिंग रोड का निर्माण गोरखपुर में जंगल कौड़िया से जगदीशपुर कोनी के बीच हो रहा है। इस रिंग रोड में करीब 26 गांव की जमीन ए फस रहे हैं। सबसे अधिक अड़चन रिंग रोड में फंस रहे किसानों की जमीन और मकान की वजह से है। किसान बीते कई महीने से नए दर मुआवजा भुगतान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

विधायक से मिले किसान

किसानो का एक जत्था इस मामले को लेकर पिपराइच के विधायक महेंद्र पाल सिंह से मुलाकात करने पहुंचा। किसानों ने विधायक से मांग रखी कि वह उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करवाएं। साथ ही किसानों ने अपने समस्या बताते हुए उसके निराकरण में सहयोग करने की बात भी विधायक से कही।

विधायक पिपराइच ने बीते रविवार को 10 किसानों के साथ गोरखपुर मंदिर ले जाकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करवाई। किसानों ने मुख्यमंत्री से अपना पक्ष रखते हुए न्याय की गुहार लगाई। जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें आश्वस्त किया कि हर किसान के साथ न्याय होगा।

बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएम और कमिश्नर को तत्काल विधायक और किसानों के साथ बैठक कर नए रेट तय करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि किसानों को संतुष्ट करते हुए उन्हें मुआवजा मुहैया कराया जाए। सीएम के इस आदेश के बाद किसान अस्वस्थ तो हुए लेकिन प्रशासन अभी डेट गोलमोल रवैया अपनाए हुए हैं।

सर्वे करने पहुंचे अधिकारी

जानकारी मिल रही है कि मुख्यमंत्री के कहने के बाद भी जिला प्रशासन कुछ भी करने नहीं पहुंचा। ना तो प्रशासन ने विधायक और किसानों को बुलाकर बैठक की और ना ही मुआवजे के संबंध में कोई जानकारी किसानों को दी गई। वहीं दूसरी तरफ 2 दिन पूर्व नायब तहसीलदार सदर विकास कुमार कोनी, इटहिया पुलिस वाले तथा एनएचआई के साथ पहुंचे लोगों ने सर्वे का कार्य शुरू कर दिया। सर्वे चल ही रहा था कि मौके पर किसान पहुंच गए।

बताया जाता है कि जैसे ही किसानों को यह जानकारी हुई कि प्रशासन के लोग जमीन की नाप कर रहे हैं वह तुरंत मौके पर पहुंच गए। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे किसानों ने सर्वे कार्य रोक दिया। पुलिस ने लोगों को रोकने का प्रयास किया लेकिन किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी अभी तक प्रशासन का कोई भी व्यक्ति उनसे चर्चा नहीं चल रहा है। जब तक मुआवजा निर्धारित नहीं हो जाता तब तक कोई भी कार्य नहीं होगा। किसानों ने सर्वे करें आए अधिकारियों को उल्टे पांव लौटा दिया।

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