पीएम मोदी के गुरु राम भद्राचार्य के उत्तराधिकारी जय मिश्रा पर नाबालिग लड़के से यौन शोषण का आरोप
Rambhadracharya: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरु कहे जाने वाले जगद्गुरु राम भद्राचार्य के उत्तराधिकारी और बेटे जय मिश्रा पर एक नाबालिग युवक ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. बता दें कि राम भद्राचर्य एक प्रतिष्ठित जगद्गुरु हैं और देश सहित विदेशों से बड़े-बड़े भक्त उनके आशीर्वाद लेने के लिए चित्रकूट आते हैं.
पता चला है कि तुलसी पीठ चित्रकूट संसथान के एक छात्र ने आरोप लगाया है कि जगद्गुरु राम भद्राचार्य के उत्तराधिकारी और बेटे जय मिश्रा ने उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए हैं, बीते 14 फरवरी को यूपी के मिर्जापुर में एक कथा के दौरान उस छात्र ने जय मिश्रा पर छात्र ने ऐसे गंभीर आरोप लगाए थे. इस मामले को दबाने के लिए सारे तंत्र इकट्ठा हो गए थे लेकिन अंततः यह मामला उजागर हो ही गया।
पूरा मामला जानिए
बताया गया है कि नाबालिग लड़के से अप्राकृतिक यौन सम्बन्ध बनाने के आरोप में पीड़ित युवक के पिता ने मिर्जापुर लालगंज थाने में पाक्सो एक्ट के तहत शिकायत लिखवाई है, पुलिस ने पीड़ित नाबालिग के पिता द्वारा लिखवाई गई शिकायत के आधार पर जांच करनी शुरू कर दी है। ऐसा बताया गया है कि जय मिश्रा पर ऐसे आरोप लगाए जाने के बाद शिकायत करने वाले को जान से मारने की धमकी भी दी गई है।
3 साल पहले जय मिश्रा को बनाया था तुलसी पीठ का उत्तराधिकारी
जगद्गुरु राम भद्राचार्य ने साल 16 जुलाई 2019 में अपनी तुलसी पीठ चित्रकूट का अलग उत्तराधिकारी स्वयं के बेटे जय मिश्रा को घोषित किया था, राम भद्राचार्य के बाद तुलसी पीठ की पूर्ण जिम्मेदारी जय मिश्रा पर होनी थी. लेकिन इतने प्रतिष्ठित और ईमानदार कहे जाने वाले राम भ्रद्राचार्य के उत्तराधिकारी पर इतने गंभीर आरोप लगाए गए हैं जिससे पूरे देश में तुलसी पीठ की छवि खराब हो गई है। हालांकि यह आरोप कितने सही हैं या सिर्फ यह कोई साज़िश है पुलिस इस मामले की जांच करने में लगी है. लेकिन इस आरोप के बाद जगद्गुरु राम भद्राचार्य ने एक वीडियो जारी करते हुए दुःख जताया है और आरोपों को ग़लत करार दिया है।
कौन है राम भ्रद्राचार्य
उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा से लगी की पावन नगरी चित्रकूट में जगद्गुरु तुलसी पीठ चलाते हैं, वह ना सिर्फ देश में बल्कि पूरी दुनिया में उनकी बड़ी सकारात्मक ख्याति है, राम भद्राचार्य देश के पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी बताए जाते हैं, राम भ्रद्राचार्य ने पीएम मोदी को भारत का तीसरी बार भी पीएम बनने का आशीर्वाद दिया था और इसकी भविष्यवाणी भी की है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर, धर्म परिवर्तन, जनसंख्या नियंत्रण, गौरक्षा, सामान नागरिक संहिता, हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने और रामायण को राष्ट्रीय ग्रन्थ बनाने का लक्ष्य लेकर धर्म का ज्ञान लोगों तक पहुंचाने का कार्य तुलसी पीठ से करते हैं.
जगद्गुरु रामभद्राचार्य जब सिर्फ दो माह के थे तो उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। रामचरित मानस का गहन अध्ययन रामभद्राचार्य ने किया है। 2015 में उन्हें पद्म विभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। रामानंद संप्रदाय के वर्तमान में 4 जगद्गुरु रामानंदाचार्यों में से एक रामभद्राचार्य हैं। तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस के बारे में बोलने के लिए केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में इन्हें अधिकार प्राप्त है। रामभद्राचार्य इलाहाबाद हाई कोर्ट में चले जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद में एक्सपर्ट के तौर पर भी शामिल थे।