उत्तरप्रदेश

बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा करने गए BJP सांसद को लोगों ने खदेड़ा, बोले- अब क्या करने आए हैं?

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत
6 Sept 2021 12:56 PM
Updated: 6 Sept 2021 12:59 PM
बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा करने गए BJP सांसद को लोगों ने खदेड़ा, बोले- अब क्या करने आए हैं?
x

चौरीचौरा के बाढ़ग्रस्त इलाका 

गोरखपुर में चौरीचौरा के बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा करने गए बांसगांव के BJP सांसद कमलेश पासवान को नाराज लोगों ने खदेड़ दिया.

उत्तरप्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) में बाढ़ की वजह से त्रासदी हुई है. त्रासदी के बाद लोगों का गुस्सा बांसगांव के BJP सांसद कमलेश पासवान (Bansgaon MP Kamlesh Paswan) पर फूटा. सांसद चौरीचौरा के बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा करने गए थें. लेकिन नाराज ग्रामीणों ने उन्हें न सिर्फ वहां से खदेड़ दिया बल्कि उन्हें काफी बुरा भला भी कहा. लोगों ने सांसद से कहा कि 'अब क्या करने आए हैं?'

दरअसल उत्तरप्रदेश के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए थें. कोरोना के बाद बाढ़ की त्रासदी की मार झेल रहें लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. लोगों का आरोप है की न ही कोरोना काल में सरकार या प्रशासन ने कोई मदद की और न ही बाढ़ के समय. अब वे सिर्फ फोटो खिंचवाने एवं कोरम पूरा करने के लिए दौरा पर निकल रहें हैं.

भारी विरोध के बाद वापस लौटे सांसद

लोगों की गुस्सा का शिकार बांसगांव के सांसद हो गए. बांसगांव के भाजपा सांसद कमलेश पासवान चौरीचौरा के बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा करने के लिए निकले थें. वहां पहुँचने के बाद लोगों ने उन्हें घेर लिया. उन्हें वापस जाने का नारा लगाने लगे और बुरा भला कहने लगे. इसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया. इस बीच कुछ ग्रामीणों ने नाराज लोगों को समझाने की भी कोशिश की लेकिन वे नहीं मानें, अंततः सांसद को वापस लौटना पड़ा.

गोरखपुर के 400 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में

बता दें गोरखपुर में राप्ती, रो​हिन और घाघरा नदियों के साथ ही गोर्रा और आमी नदी का जलस्तर बढ़ने से जिले के लगभग 400 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थें. हांलाकि अब जलस्तर कम हो रहा है. लेकिन बाढ़ की चपेट में आने से कई गांव बुरी तरह से प्रभावित हो गए.

ढाई लाख से अधिक आबादी प्रभावित

गोरखपुर जिले के चार सैकड़ा से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं. ढाई लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है. अधिकाँश लोग रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सड़कों और बांधों में शरण लिए हुए हैं. वहीं आपदा में हर कोई जनप्रतिनिधियों, सरकार और प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठा है. लेकिन उनका आरोप है की उन्हें किसी भी तरीके की मदद मुहैया नहीं कराई गई. ऐसे में लोगों में भारी गुस्सा है.

जनप्रतिनिधि नहीं दिखें

हैरानी वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही बाढ़ प्रभावित इलाकों का तुफानी दौरा कर खुद राहत सामग्री बांट चुके हों, लेकिन कोई जनप्रतिनिधी अपने क्षेत्र में दिखाई नहीं दे रहा. ऐसे में बांसगांव सांसद कोरोना काल से लेकर बाढ़ आपदा तक पहली बार क्षेत्र के दौरा पर निकले हुए थें और लोगों के गुस्से का शिकार हो बैठे.

Next Story