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SDM Jyoti Maurya केस मे आया नया मोड़, जांच समिति के सामने बयान दर्ज करवाने पहुंचे आलोक
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Jyoti Maurya case: उत्तर प्रदेश का बहुचर्चित एसडीएम ज्योति मौर्य के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। ज्योति मौर्य की पति आलोक मौर्य चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। उन्होंने अपनी पत्नी ज्योति मौर्य पर प्रयागराज में तैनाती के दौरान वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले को लेकर आलोक मौर्य को जांच कमेटी के समक्ष अपना बयान दर्ज करवाना था। साथ ही लगाए गए आरोप के साक्ष्य भी प्रस्तुत करने थे। लेकिन इस मामले में नया मोड़ तब आ गया जब साक्ष्य देने के लिए आलोक कमेटी के सामने प्रस्तुत तो हुए लेकिन उन्होंने एक आवेदन देकर सभी को चौंका दिया है। आइए जाने क्या है पूरा मामला।
पति ने लगाया था एसडीएम पत्नी पर आरोप
पारिवारिक विवाद से शुरू हुआ मामला इतना बढा कि वह सोशल मीडिया की सुर्खियां बटोरने लगा। आलोक मौर्य ने एक ओर जहां अपनी एसडीएम पत्नी पर किसी दूसरे मर्द के साथ संबंध होने का आरोप लगाया। वहीं उन्होंने पत्नी को याद दिलाते हुए कहा कि उन्हें एसडीएम बनाने के लिए उसने अपनी पूरी आमदनी झोंक दी। अब एसडीएम बनने के बाद वह उनसे किनारा करना चाह रही हैं।
बात यहीं नहीं रुकी और मामला लाल डायरी तक पहुंच गया। एसडीएम ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य ने अपनी पत्नी पर प्रयागराज में तैनाती के दौरान वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए थे। इसके लिए उन्होंने एक शिकायती पत्र शासन को भेजा था। साथ में एक लाल डायरी देते हुए कहा था कि इसमें अनियमितता के संबंध में लेनदेन का पूरा ब्यौरा है। शिकायत के पश्चात शासन ने मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत को जांच करने के लिए कहा।
शुरू हुई जांच
जानकारी के अनुसार मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत इसके लिए एक जांच कमेटी बनाई। जिसमें अपर आयुक्त प्रशासन अमृत लाल बिंद, ईडीएम शासन हर्ष देव पांडे और एससीएम प्रथम जयजीत कौर को जांच अधिकारी बनाया गया। जांच कमेटी ने अगस्त के महीने में आलोक मौर्य को बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया।
आलोक मौर्य जांच कमेटी के सामने प्रस्तुत हुए। उन्होंने साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए 20 दिन का समय मांगा। कमेटी ने उन्हें समय देते हुए 28 अगस्त को उपस्थित होने के लिए कहा था। सोमवार को मीडिया तथा अन्य लोगों की निगाह आलोक मौर्य पर थी। समय के अनुसार आलोक मौर्य जांच कमेटी के सामने प्रस्तुत हुए।
आलोक मौर्य ने लिया यू-टर्न
अब मामला आलोक मौर्य के द्वारा प्रस्तुत करने वाले साक्ष्यों पर निर्भर करता था। लेकिन आलोक मौर्य ने यू टर्न लेते हुए जांच कमेटी के सामने एक आवेदन लगा दिया। आलोक मौर्य ने सोमवार 28 अगस्त को जांच समिति के सामने पेश हुए। आवेदन देकर उन्होंने शिकायत वापस ले ली। कक्षा से बाहर आकर उन्होंने मीडिया को बयान भी दिया। उन्होने अपने बयान में कहा की मैंने अपनी शिकायत वापस ले ली है। मैं इस प्रकरण पर आगे नहीं जाना चाहता। साथ ही उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि उनके ऊपर किसी का कोई भी किसी भी प्रकार का दबाव नहीं है। अब देखना यह है कि शासन इस अनियमितता के आरोप पर क्या निर्णय लेती है।
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