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Mukhtar Ansari Death: माफिया मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत, भाई का आरोप- उसे स्लो पॉइजन दिया जा रहा था
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का गुरुवार देर शाम को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। अंसारी को उल्टी और बेहोशी की शिकायत के बाद जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे बचाने की कोशिश की। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
पूरे राज्य में सुरक्षा बढ़ाई गई
मुख्तार अंसारी के निधन के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। मऊ और गाजीपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है, साथ ही बांदा में भी सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। DGP मुख्यालय ने भी सभी जिलों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
पिछले दिनों बिगड़ी थी तबीयत
सोमवार को मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ी थी, जिसके बाद उसे बांदा जेल से मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। 14 घंटे की भर्ती के बाद उसे बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया गया था। कुछ दिनों पहले ही मुख्तार अंसारी ने दावा किया था कि उसे धीमा जहर देकर मारने की कोशिश की जा रही है।
स्लो पॉइजन देने का आरोप
मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी ने आरोप लगाया है कि उन्हें स्लो पॉइजन दिया जा रहा था। अफजल ने कहा कि मुख्तार ने खुद उन्हें बताया था कि उन्हें खाने में जहरीला पदार्थ मिलाया गया है। 40 दिन पहले भी ऐसा ही हुआ था।
2005 से जेल में बंद था
मुख्तार अंसारी वर्ष 2005 से जेल में बंद था। उस पर हत्या, अपहरण, रंगदारी और अन्य कई संगीन अपराधों के आरोप थे। उसे अलग-अलग मामलों में दो बार उम्रकैद की सजा भी सुनाई गई थी।
मुख्तार अंसारी को 17 महीने में 8 बार सजा
मुख्तार अंसारी को 17 महीने की अवधि में 8 बार सजा सुनाई गई है। इनमें से 2 सजाएं उम्रकैद की हैं। पहली सजा 23 सितंबर 2022 को, और आठवीं सजा 13 मार्च 2024 को सुनाई गई थी। मुख्तार के खिलाफ सजा का दौर 21 नवंबर 2022 को शुरू हुआ था।
लखनऊ के आलमबाग थाने में 2003 में जेलर को धमकाने के मामले में उन्हें ADJ कोर्ट द्वारा दोषमुक्त कर दिया गया था। 27 अप्रैल 2021 को सरकार ने हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी। इसी मामले में उन्हें पहली बार 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी।