
- Home
- /
- उत्तरप्रदेश
- /
- दिखने लगा कोयले की कमी...
दिखने लगा कोयले की कमी का असर, उत्तर प्रदेश में बिजली के लिए मचा हाहाकार, शहरों में 12 तो गांवों में 18 घंटे की कटौती

लखनऊ( Lucknow) विगत 1 सप्ताह से अखबारों न्यूज़ चैनलों तथा सोशल मीडिया में कोयले की कमी से बिजली की किल्लत की जानकारी सामने आ रही थी। लेकिन अब इसका असर दिखने लगा है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कई क्षेत्रों में बिजली के लिए हाहाकार मचा हुआ है। हालत यह है के यूपी के कई शहरों में 12 घंटे की बिजली कटौती शुरू हो चुकी है वही गांव की हालत यहां है कि वहां 18 घंटे तक बिजली के दर्शन लोगों को नहीं हो रहे हैं। कोयले की कमी से यूपी के कई थर्मल पावर की कई यूनिटी बंद हो चुकी हैं। सरकार को बिजली खरीद कर मुहैया करानी पड़ रही है।
शहरों में भी बढ़ सकती है कटौती
जानकारों की माने तो उत्तर प्रदेश में बिजली संकट दूर करने के लिए अगर समय रहते प्लांटों को कोयला नहीं उपलब्ध हुआ तो शहरों में भी बिजली कटौती का समय बढ़ जाएगा। अभी हालत यहां है कि शहरों में कहीं 12 घंटे तो कहीं 8 घंटे की बिजली कटौती की जा रही है। वही कई शहर ऐसे भी हैं जहां अभी भी 24 घंटे की बिजली दी जा रही है।
लो वोल्टेज की समस्या आम
स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां बिजली की सप्लाई नियमित तौर पर हो रही है वहां भी वोल्टेज की समस्या बनी हुई है। लोगो को पीने के पानी के लिए भी बिजली रहने के बाद भी परेशान होना पड़ रहा है। वोल्टेज इतना कम रहता है की मशीनें नहीं चल पा रही हैं। पंखे के नीचे बैठने के बाद भी न तो गर्मी जाती है और न ही मच्छर जा रहे हैं।
कहां बचा है कितना कोयला
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में चल रहे थर्मल पावर में एक दो या फिर आधे दिन के लिए कोयला बचा हुआ है। वहीं जारी आंकड़ों के अनुसार कोयले की कमी से शुक्रवार को 5264 मेगा वाट बिजली नहीं बन सकी। बताया गया है कि अनपरा में मात्र डेढ़ दिन के लिए, ओबरा में 2 दिन के लिए, परीछा में आधा दिन के लिए तथा हरदुआगंज में 1 दिन के लिए कोयला शेष बचा हुआ है। अगर समय रहते कोयला नहीं उपलब्ध होता है तो इन थर्मल पावरों में भी बिजली का उत्पादन बंद हो जाएगा।
पीलीभीत के गांवों में 18 घंटे की कटौती
पीलीभीत (Pilibhit) के गांवों की हालत यह है बिजली कटौती करीब 18 घंटे तक पहुंच चुकी है। गांव के लोगों का कहना है करीब 5 से 6 घंटे की बिजली उन्हें मिल रही है। ऐसा ही हाल कुछ उन्नाव जिले का है। शहरी इलाकों में 14 घंटे की बिजली सप्लाई हो रही है तो वहीं ग्रामीण इलाकों में 6 से 8 घंटे बिजली मिलती है।
यहां मिल रही सबसे ज्यादा बिजली
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हरदोई और अमरोहा के शहर में 20 घंटे, सिद्धार्थनगर में 22 घंटे, वहीं फतेहपुर में 24 घंटे की बिजली शहरों में गांवों में 16 घंटे की बिजली दी जा रही है। वही हरदोई के गांव में भी 18 घंटे की बिजली सप्लाई जा रही है।
अधिकारियों का दावा कहीं नहीं है कटौती
उत्तर प्रदेश की ग्राउंड रिपोर्ट के उलट बिजली अधिकारियों का दावा सामने आ रहा है। बिजली अधिकारियों का दावा है कि कहीं भी बिजली कटौती नहीं हो रही है। कोयले की कमी जरूर है लेकिन अभी इतने हालात बुरे नहीं हुए हैं की बिजली कटौती शुरू की जाए। कई बार बिजली ट्रिपिंग की स्थित अवश्य आ रही है लेकिन कटौती जैसी बात गलत है।
