उत्तरप्रदेश

देश का सबसे बड़ा मदरसा 'दारुल उलूम' भी गैर मान्यता के संचालित हो रहा! इससे 4500 मदरसे संबद्धता रखते हैं

देश का सबसे बड़ा मदरसा दारुल उलूम भी गैर मान्यता के संचालित हो रहा! इससे 4500 मदरसे संबद्धता रखते हैं
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Darul Uloom Unrecognized: यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे हो रहा है, पता चला है कि भारत का सबसे बड़ा मदरसा दारुल उलूम खुद गैर मान्यता प्राप्त है

दारुल उलूम गैर मान्यता प्राप्त: भारत का सबसे बड़ा मदरसा 'दारुल उलूम' भी गैर मान्यता प्राप्त संचालित हो रहा है. ये बात यूपी में चल रहे मदरसों के सर्वे के दौरान मालूम हुई. उत्तर प्रदेश में हुए मदरसों के सर्वे की रिपोर्ट सामने आई. पता चला राज्य में 7500 मदरसे बिना किसी मान्यता के ही सालों से संचालित हो रहे हैं. देश का सबसे बड़ा मदरसा दारुल उलूम जो खुद मान्यता प्राप्त नहीं है उससे देश के 4500 मदरसे संबद्ध हैं.

दारुल उलूम से देश भर में 4500 मदरसे संबद्ध है जिनमे यूपी में 2100 मदरसे हैं जो अब सरकार की नज़र में अवैद्य हैं.उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मुरादाबाद में है जहां 585 मदरसे चिन्हित हुए हैं जबकि सहारनपुर में 360 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे चिन्हित हुए हैं.

जकात से होती है इनकम

जिन मदरसों को सरकार की तरफ से मान्यता नहीं मिली है उन सभी ने अपना सोर्स ऑफ़ इनकम जकात बताया है. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भरत लाल गोंड कहते हैं कि दारुल ओलूम भी बिना मान्यता के सालों से संचालित हो रहा है और ये अपना सोर्स ऑफ़ इनकम जकात बताता है.

हज़ारों मुस्लिम बच्चों का भविष्य अँधेरे में

भरत लाल गोंड के मुताबिक साहनपुर में 5 वीं स्तर के 644, 8वीं के 80 और लेकर 10 वीं स्तर के 10 मदरसे हैं. जिले 754 मदरसों में 360 गैर मान्यता के हैं जिनमे 2 हाज़र से ज़्यादा मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं. दारुल उलूम में 5 हज़ार से ज़्यादा बच्चे पढ़ते हैं.

दारुल उलूम का क्या कहना है

दारुल उलूम के गैर मान्यता प्राप्त होने की बात जब सामने आई तो देवबंद के प्रवक्ता अशरफ उस्मानी का बयान आया- उन्होंने कहा कि सोसाइटी एक्ट 1866 के तहत दारुल उलूम रजिस्टर्ड है. यूपी या केंद्र सरकार से कभी हमने कोई अनुदान नहीं लिया है, पूरा खर्च चंदे से चलता है जो जकात से मिलता है.


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