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उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर जोन अंतर्गत बड़खेरा बीट में एक बाघ की मौत हो गई है। बताया गया है कि सुबह जंगल में गश्त करने के लिए गए वन अमले ने बाघ का शव देखा और इसकी जानकारी अधिकारियों को दे दी। इसके बाद वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। लेकिन अभी तक यह जानकारी सामने नहीं आई है कि आखिर बाघ की मौत कैसे हुई है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद न सिर्फ रेंज अधिकारी, एसडीओ और फील्ड डायरेक्टर मौके पर पहुंच गए बल्कि घटनास्थल का मुआयना करने के लिए डाग स्क्वायड को भी मौके पर भेजा गया है। घटनास्थल के आसपास का मुआयना करने के बाद आगे की कार्रवाई में वन अमला जुटा हुआ है।
बाघ की मौत के मामले में शिकार की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त क्षेत्र में शिकारियों के भी सक्रिय होने की लगातार गुप्त खबर वन विभाग को थी। यहां शिकारियों के सक्रिय होने कि सूचनाओं के आधार पर ही यह खबर निकल कर आ रही है कि बाघ की मौत भी शिकार का ही परिणाम है।
वन विभाग को दी गई सूचना के अनुसार दी गई जानकारी के मुताबिक मृत बाघ के शरीर से महत्वपूर्ण अवशेष गायब होने की जानकारी भी मिल रही है। वहीं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन मामले को छुपाने का प्रयास कर रहा है और सभी अधिकारियों ने अपने अपने मोबाइल बन्द कर लिए हैं।
ऐसे चल रहा लगातार घटनाओं का क्रम
आपको बता दें कि इससे पूर्व 19 जनवरी को दमना बीट में एक बाघ शावक की मौत हो चुकी है। जिसकी मौत का खुलासा नहीं हो सका। इसी तरह 14 व 15 फरवरी की दरमियानी रात पननथा बफर परिक्षेत्र में नदी के किनारे दो बाघों की लड़ाई में एक की मौत हो गई थी। वहीं 17 व 18 फरवरी की मध्य रात बाघ के हमले से एक तेदुआ की मौत हो गई थी। 29 मार्च को एक बाघिन का शव बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मगधी जोन की रोहनिया बीट में पाया गया था। 8 अप्रैल को एक तेदुंए का शव जंगल में पाया गया। 4 अप्रैल को सुबह 7 बजे गश्ती दल द्वारा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर परिक्षेत्र की कसेरू बीट के कक्ष क्रमांक 192बी में बमेरा कसेरु मार्ग के किनारे एक मादा तेंदुए का शव पाया गया था। 14 अप्रेल को बनबेई बीट में 4 साल की बीमार बाघिन की मौत हो गई।