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बांधवगढ़ में मिली दो हज़ार साल पुरानी 26 मानव निर्मित गुफाएं, बौद्ध और हिन्दू देवताओं की प्राचीन प्रतिमाएं मिलीं
Bandhavgarh Man Made Caves: मध्य प्रदेश के उमरिया डिस्ट्रिक में आने वाले बांधवगढ़ (Bandhavgarh) के जंगलों में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया यानी ASI को कई मानव निर्मित प्राचीन गुफाएं और 2 हज़ार साल से भी पुरानी बौद्ध और हिन्दू धर्म से जुड़े देवी-देवताओं की विशाल प्रतिमाएं मिली हैं. बांधवगढ़ में गुफाओं की खोज को इस सदी की सबसे बड़ी खोज माना जा रहा है.
बांधवगढ़ में मिली गुफाएं
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम ने बांधवगढ़ में इस साल खोज अभियान शुरू किया था. आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के जबलपुर सर्किल के अधिकारी शिवाकांत वाजपेई के मुताबिक बान्धवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) 1100 स्क्वायर मीटर में फैला है जहां पहले ज़ोन में सर्च अभियान शुरू किया गया था. बांधवगढ़ के जंगलों में 26 मानवनिर्मित गुफाएं मिली हैं, जिन्हे आदिकाल में चट्टानों को काटकर बनाया गया था.
बांधवगढ़ में मिली 2000 साल पुरानी गुफाएं
बांधवगढ़ के जंगलों में 2000 साल से भी अधिक पुरानी गुफाएं मिली हैं. जिन्हे इंसानों ने चट्टानों को काटकर बनाया था. इनमे से कुछ गुफाएं महायान बौद्ध धर्म से जुडी हैं. और इन गुफाओं के अंदर 24 अभिलेख ब्राह्मी और अन्य अज्ञात भाषाओं के शिलालेख मिले हैं जिनमे मथुरा के कौशाम्बी का जिक्र किया गया है.
बांधवगढ़ की गुफाओं के अंदर क्या मिला
ASI के अधिकरियों ने बताया कि कई गुफाएं इतनी बड़ी हैं कि इनमे एक साथ 30-40 लोग रह सकते हैं. इन गुफाओं के अंदर और बाहर 26 मंदिरों के अवशेष मिले हैं. गुफाओं के अंदर चट्टानों में कई लिपियाँ, बोर्ड गेम्स, उनके पासे, गोटियां मिली हैं जिन्हे उस काल के लोग खेला करते थे. इतना ही नहीं गुफाओं के अंदर भगवान विष्णु और वराह की कई प्रतिमाएं मिली हैं. ASI ने अभी सिर्फ ताला रेंज एरिया में खोज की है। बता दें कि बांधवगढ़ में मिली प्राचीन गुफाओं से अबतक की सबसे बड़ी भगवान विष्णु और वराह की प्रतिमाएं मिली हैं.
बांधवगढ़ फॉरेस्ट रिजर्व में मिली गुफाएं और मूर्तियां
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में पुरातत्व विभाग ने बड़ी खोज की है. अधिकारीयों को सर्वे में 26 प्राचीन मंदिर, 26 मानव निर्मित गुफाएं, 2 बौद्ध मैथ, दो सस्तूप, 24 लिपियाँ, 46 कलाकृतियां, 19 जलस्रोत और प्राचीन शिवलिंग के साथ विष्णु, बौद्ध और दशावतार की प्रतिमाएं मिली हैं.
इन गुफाओं के अंदर कई ब्राह्मी लिपियाँ मिली हैं जिन्हे मथुरा, कौशाम्बी, पवत, वेजभरदा, सपतनायरिका जैसे नाम लिखे हुए हैं. बताया गया है कि यह गुफाएं और मंदिर श्री भीमसेन, महाराजा पोथासिरि महाराजा भट्टदेव के समय की हैं. बांधवगढ़ में दुनिया की सबसे विशाल वराह प्रतिमा मिली है जो 6.4 मीटर ऊँची है. इसके अलावा यहां मुगलकालीन और शर्की शासन के वक़्त के सिक्के मिले हैं
रामायण से है बांधवगढ़ का नाता
कहा जाता है कि जब भगवान श्री राम अयोध्या लौट रहे थे तब उन्होंने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को बांधवगढ़ भेंट किया था. यहां मिले अभिलेखों से मालूम होता है कि यहाँ पर लम्बे वक़्त तक मध राजवंश का शासन था. ASI ने सबसे पहले साल 1938 में इन गुफाओं की खोज की थी