उमरिया

Tiger Found Dead in Bandhavgarh Tiger Reserve / शावकों की फौज देख फूला नहीं समा रहा था प्रबंधन, मृत बाघ मिलने से सहमा

Aaryan Dwivedi
29 May 2021 4:01 PM IST
Tiger Found Dead in Bandhavgarh Tiger Reserve / शावकों की फौज देख फूला नहीं समा रहा था प्रबंधन, मृत बाघ मिलने से सहमा
x
Tiger Found Dead in Bandhavgarh Tiger Reserve / उमरिया। बांधवगढ़ रिजर्व टाइगर में नन्हें शावकों की फौज देखकर जहां प्रबंधन फूला नहीं समा रहा था, इसी बीच शुक्रवार को जिले के घुनघुटी में एक और बाघ का शव मिलने से अधिकारी-कर्मचारी सहम गये हैं। इसकी वजह यह है कि घुनघुटी में बाघ की मौत के साथ पिछले पांच महीनों में मरने वाले बाघों की संख्या सात हो गई है।

Tiger Found Dead in Bandhavgarh Tiger Reserve / उमरिया। बांधवगढ़ रिजर्व टाइगर में नन्हें शावकों की फौज देखकर जहां प्रबंधन फूला नहीं समा रहा था, इसी बीच शुक्रवार को जिले के घुनघुटी में एक और बाघ का शव मिलने से अधिकारी-कर्मचारी सहम गये हैं। इसकी वजह यह है कि घुनघुटी में बाघ की मौत के साथ पिछले पांच महीनों में मरने वाले बाघों की संख्या सात हो गई है।

वहीं जिले ने तीन तेंदुए भी खो दिए हैं। शुक्रवार को रेग्युलर फारेस्ट के घुनघुटी रेंज अंतर्गत अरझुली सर्किल के पतनार कला बीट में बाघ का शव पाया गया था। यह बाघ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से आने वाली शावकों की खुशखबरी से पहले ही मर चुका था।

बाघों की लगातार हो रही मौत ने सवाल खड़े कर दिए है कि शावकों की संख्या तो बढ़ रही है लेकिन क्या उन्हें सुरक्षा भी मिल सकेगी या पार्क प्रबंधन हर बार आपसी संघर्ष का नतीजा बताकर मौत के आंकड़े बढ़ाता रहेगा।

कैसे मिल सकेगी सुरक्षा

जिस तरह से बाघों की आये दिन मौत हो रही है उसे देखते हुए अब बाघ शावकों की सुरक्षा भी चिंतित करने वाली है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ शावकों की संख्या तो काफी है लेकिन क्या उन्हें यहां सुरक्षा भी मिल सकेगी। यह सवाल इसलिए महत्वर्पूण है क्योंकि जन्म लेने वाले 30 प्रतिशत शावक ही सर्वाइब कर पाते हैं। कुछ तो जन्म के साथ ही और कुछ एक से तीन महीने के बीच में खत्म हो जाते हैं।

प्रबंधन के सामने चुनौती

शावकों की चिंता उद्यान पर कुदृष्टि लगाये शिकारियों को लेकर भी है, जिनकी गतिविधियो की पुष्टि बीते दिनो कई बार हुई है। हाल ही में एक बाघ का शव मानपुर बफर के बड़खेरा बीट के पास मिट्टी में दबा मिला था, जिसे मार कर दफ्न करने की आशंका जताई गई थी।

इस मामले का खुलासा अभी तक नहीं हो सका है। इसके अलावा बांधवगढ़ से पेंगालीन की तस्करी के कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे मे इन शावकों के वयस्क होने और उनका जीवन बचाने की बड़ी चुनौती प्रबंधन के सामने है।

Next Story