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उमरिया। अब सड़क दुर्घटना होने पर ऐप के माध्यम से पुलिस जानकारी संकलित करेगी। यह व्यवस्था 1 अप्रैल से लागू होने जा रही है। आपको बता दें कि सड़क हादसों में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए सड़क हादसों पर काबू पाने के लिए भारत सरकार ने आइआरएडी परियोजना प्रारंभ की है। जिसका उदेश्य सड़क हादसोंका एकीकृत डेटाबेस तैयार करना है। प्राप्त डेटाबेस पर आइआइटी मद्रास विश्लेषण करेगा और सरकार को अपने विश्लेषण में सड़क हादसों के कारण तथा रोकथाम के लिये समाधान बतायेगा। इस परियोजना के लिए विश्व बैंक ने भी वित्त सहायता दी है। इसके लिये एनआईसी आइरेड मोबाइल ऐप तथा वेबसाइट बनायेगी। जिसमें सभी सडक हादसो से सम्बंधित विभागों को जोड़ा जाएगा।
ऐसे संकलित करेंगे जानकारी
बताया गया है कि एक अप्रैल से अगर जिलों में सड़क दुर्घटना होती है तो पुलिस विभाग से जांचकर्ता मौके पर पहुंचकर ऐप के माध्यम से दुर्घटना की जानकारी संकलित करेंगे। जिसमें दुर्घटना का विवरण, फोटो, वीडियो, घायल या मरे व्यक्तियोंए आरोपित, वाहन नुक्सान, यात्री हानी, दुर्घटना के सम्भावित कारण आदि का विवरण ऐप में आॅनलाइन तैयार किया जायेगा। उमरिया में जिला सूचना विज्ञान अधिकारी बद्री प्रसाद खेलवाल तथा आई रेड डिस्ट्रिक्ट रोलआउट मैनेजर संजय पेरवाल के द्वारा जिला के सभी थाना फील्ड अधिकारियो को प्रशिक्षण दिया गया। जिला सूचना विज्ञान अधिकारी ने बताया यह प्रोजेक्ट सुप्रीम कोर्ट एवं सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार की निगरानी में चलेगा।
एक अप्रैल से शुरू होगा लाइव कार्य
सड़क हादसों की आवश्यक जानकारी हाईरेड से जोड़ी जाएगी। जहां आइरेड में कार्य करने के लिए सभी विभागों को एनआसी प्रशिक्षित करेगी। इसलिये सबसे पहले पुलिस विभाग को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। क्योंकि 70 प्रतिशत जांच का कार्य पुलिस विभाग को ही करना है। बाकी अन्य विभागों ट्रांसपोर्ट, हाईवे, स्वास्थ्य, इंश्योरेंस, ब्लड बैंक आदि को भी प्रशिक्षित किया जायेगा। परियोजना के लिए मध्यप्रदेश के सभी जिलों मे ं1 अप्रैल 2021 लाइव कार्य शुरु हो जायेगा।