उमरिया

मोबाइल में मिलेगी हाथियों के गांवों में प्रवेश की लोकेशन, बताएंगे सुरक्षा के उपाय

News Desk
4 March 2021 5:59 PM GMT
उमरिया। अभी कुछ दिनों पूर्व ही सीधी जिले के ग्रामीण अंचल में हाथियों ने तीन लोगों को कुचल कर मौत के घाट उतार दिया था और गांवों में काफी उत्पात मचाया था। घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मोबाइल तकनीक के जरिए सुरक्षा के उपाय किये जा रहे हैं। बताया गया है कि मध्यप्रदेश में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे गांवों और सीधी जिले में संभव हुआ है। गांव.गांव में पांच.पांच युवाओं का समूह बनाकर उन्हें वाट्सएप से जोड़ा जा रहा है।

उमरिया। अभी कुछ दिनों पूर्व ही सीधी जिले के ग्रामीण अंचल में हाथियों ने तीन लोगों को कुचल कर मौत के घाट उतार दिया था और गांवों में काफी उत्पात मचाया था। घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मोबाइल तकनीक के जरिए सुरक्षा के उपाय किये जा रहे हैं। बताया गया है कि मध्यप्रदेश में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे गांवों और सीधी जिले में संभव हुआ है। गांव.गांव में पांच.पांच युवाओं का समूह बनाकर उन्हें वाट्सएप से जोड़ा जा रहा है।

इस ग्रुप के माध्यम से हाथियों के आने.जाने की सूचनाएं साझा की जा रही हैं। ग्रुप का इस्तेमाल इस तरीके से किया जा रहा है कि उसके संदेश लोगों के लिए सुरक्षात्मक हथियार बन जाएं। यह प्रयोग विधिवत रूप से सोमवार से यहां शुरू हो जाएगा। इस संबंध में विंसेंट रहीम फील्ड डायरेक्टर बांधवगढ़ ने बताया कि जंगली हाथियों से सुरक्षा के उपाय निरंतर किए जा रहे हैं। ग्रामीणों को समझाया भी जाता है और उन्हें सुरक्षा के उपाय भी बताए जाते हैं। अब उन्हें वाट्सएप ग्रुप से जोड़कर सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने दिये थे रिस्पांस टीम बनाने के निर्देश

जंगली हाथियों का मध्य प्रदेश के सीधी जिले और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे गांवों में विचरण होता रहता है। हाथियों के झुंड अक्सर कच्चे मकान तोड़ देते हैं और लोगों को कुचल देते हैं। पिछले महीने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की पनपथा रेंज में हाथियों ने एक महिला को कुचल दिया जिससे उसकी मौत हो गई। वहींए सीधी जिले के ग्राम खैरी में जंगली हाथियों के झुंड ने हमला किया जिससे काफी नुकसान हुआ। इस तरह की लगातार बढ़ रही घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ग्राम स्तर पर रिस्पांस टीम बनाने और गांववालों को लगातार सूचनाएं देने के निर्देश दिए थे। इसके बाद ही एलीफेंट कारीडोर नेटवर्क का विचार सामने आया। इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है।

ऐसे तैयार होगा नेटवर्क

बताया गया है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों की मदद से हाथियों के विचरण मार्ग में पड़ने वाले गांवों के लोगों का एक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। हर गांव के पांच.पांच युवाओं को जोड़ा जा रहा है। ये पांच युवा आवश्यक मदद भी समय पर बुला सकेंगे। युवाओं को एक वाटसएप गु्रप से जोड़ा गया है जिसमें हाथियों के झुंड की हर घंटे की जानकारी अपडेट की जाएगी। हाथियों के गांव की तरफ आने की सूचना मिलने के बाद उन्हें खदेड़ने के लिए मिर्ची पाउडर का उपयोगए पटाखे फोड़ना और आग लगाने जैसे उपाय ग्रामीण कर सकते हैं।

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