उमरिया

Haathi Mahotsav: वन्य जीवों को हर परिस्थिति से बचाने मे हैं माहिर, हाथी महोत्सव में दिखी हाथियों की खूबियां

Viresh Singh Baghel | रीवा रियासत
28 Aug 2022 1:47 PM IST
Updated: 2022-08-28 08:18:23
Haathi Mahotsav: वन्य जीवों को हर परिस्थिति से बचाने मे हैं माहिर, हाथी महोत्सव में दिखी हाथियों की खूबियां
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Haathi Mahotsav: उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में शनिवार से सात दिवसीय हाथी महोत्सव शुरू हो गया है.

MP Umaria: एमपी के उमरिया जिले के बांधवगढ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में शनिवार से सात दिवसीय हाथी महोत्सव मनाया जा रहा है। जिसके तहत यहां रहने वाली सभी हाथियों को पूरी मस्ती करने की आजादी रहती है। जानकारी के तहत यहां 14 हाथी मौजूद हैं।

बताया जाता है। कि बांधवगढ़ (Bandhavgarh) में वन्य जीवों के सरंक्षण में जितना प्रबंधन काम करता है उतना ही ये हाथी उनके कामों में हाथ बंटाते हैं. मुश्किल से मुश्किल जगह हो या पहाड़, चाहे खोह हो या फिर नदी नालों में फंसे वन्य जीवों को रेस्क्यू करने में इन हाथियों को महारत हासिल है और यही वजह है कि बांधवगढ़ में वन्य जीवों का सरंक्षण दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

7 दिनों तक होती है आवाभगत

बांधवगढ़ में हाथियों की खातिरदारी करने के लिए प्रति वर्ष 7 दिन का हाथी महोत्सव (Hathi Mahotsav) मनाया जाता है। इस दौरान हाथियों की विशेष सेवा की जाती है यानि की उन्हें नहलाने-धुलाने, तेल-मालिश करने से लेकर विशेष व्यंजन खिलाए जाते हैं। हाथियों के पूरे शरीर का चिकित्सकीय परीक्षण कराया जाता है। पार्क प्रबंधन से लेकर पूरे जिले के लोग इस महोत्सव में हाथियों को देखने के लिए आते हैं। यू कहा जाए कि 7 दिनों तक हाथियों की पिकनिक होती है। दरअसल बांधवगढ़ में मौजूद 14 पालतू हाथियों की विशेष सेवा कर उन्हें आगामी वर्ष के लिए रिफ्रेश किया जाता है।

पिछले 8 वर्षो से मनाया जा रहा महोत्सव

बताया जाता है कि यहां के हाथी वर्ष भर बांधवगढ़ में वन्य जीवों के रेस्क्यू, वन एवं वन्य जीवों के सरंक्षण में विशेष योगदान देते हैं. जिसके कारण पार्क प्रबंधन उन्हे विश्राम देने एवं पूरी मस्ती करने के लिए वर्ष 2014 में हाथी महोत्सव के आयोजन की शुरूआत किया था। जिसके तहत इस दौरान इनसे रेस्क्यू या सरंक्षण का कोई कार्य नहीं लिया जाता है।

हाथियों का होता है यह व्यंजन

हाथी महोत्सव (Hathi Mahotsav) के दौरान हाथियों को सुबह स्नान कराते हैं, जिसके बाद उनकी तेल से मालिश की जाती है, पैर में हुए घावों का इलाज किया जाता है. फिर मस्तक में चंदन का लेप लगाकर उनकी पूजा की जाती है और उनके पसंदीदा व्यंजन गुड़, गन्ना, केला, सेव, नारियल आदि फल खिलाए जाते हैं।

दूर-दूर से हाथी महोत्सव में पहुंचते हैं लोग

हाथी महोत्सव का आयोजन कर पार्क प्रबंधन हाथियों को उनके परिवार से मिलने जुलने और संसर्ग स्थापित करने का सभी समय देता है। तो वहीं हाथी महोत्सव का आनंद लेने पूरे जिले से लोग पहुंचते हैं और हाथियों की पूजा अर्चना कर उन्हें अपने हाथों से व्यंजन खिलाते हैं। बांधवगढ़ में वर्तमान में नर मादा एवं बच्चे मिलाकर कुल 14 हाथी हैं, जिसमे गौतम नामक हाथी की उम्र सबसे ज्यादा 74 वर्ष की है।

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