उमरिया

रीवा लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: रिश्वतखोर जनपद पंचायत CEO को ₹10000 की घूस लेते दबोचा!

Sanjay Patel
3 July 2023 3:01 PM IST
Updated: 2023-07-03 09:32:02
रीवा लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: रिश्वतखोर जनपद पंचायत CEO को ₹10000 की घूस लेते दबोचा!
x
MP Umaria Janpad Panchayat CEO Lokayukta Trap News: मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में लोकायुक्त टीम द्वारा कार्रवाई को अंजाम दिया गया। यहां जनपद करकेली के सीईओ को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है।

Lokayukta Action: मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में लोकायुक्त टीम द्वारा कार्रवाई को अंजाम दिया गया। यहां जनपद करकेली के सीईओ को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिवाकर नारायण पटेल जनपद पंचायत करकेली के कार्यालय में अपने पीसीओ से 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए दबोचे गए। लोकायुक्त द्वारा सोमवार को यह ट्रेपिंग कार्रवाई की गई।

राशि निकालने की एवज में मांगी थी रिश्वत

एमपी की सबसे बड़ी जनपद पंचायत उमरिया जिले की करकेली जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिवाकर नारायण पटेल ने पीसीओ रामलखन साकेत से रिश्वत मांगी गई थी। रिश्वत की यह रकम पीसीओ से क्रमोन्नति और बेटी के विवाह के लिए राशि निकालने की एवज में मांगी गई थी। इस संबंध में लोकायुक्त रीवा के निरीक्षक प्रमेन्द्र सिंह के मुताबिक समन्वय अधिकारी जनपद पंचायत करकेली रामलखन साकेत द्वारा इस आशय की शिकायत की गई थी। शिकायत में उन्होंने कहा था कि क्रमोन्नति और जीपीएफ की राशि निकालने के लिए उन्होंने जनपद पंचायत में आवेदन दिया था। जहां उनसे मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिवाकर नारायण पटेल द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है। जिस पर शिकायत की तस्दीक करने के बाद लोकायुक्त द्वारा कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

रिश्वत की रकम के साथ दबोचे गए

लोकायुक्त से मिली जानकारी के मुताबिक जनपद पंचायत करकेली के कार्यालय में सोमवार को रिश्वत की रकम देने की बात तय हुई। इस दौरान जैसे ही फरियादी पीसीओ रामलखन साकेत ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिवाकर नारायण पटेल को रिश्वत की रकम थमाई वैसे ही लोकायुक्त टीम ने कार्यालय में दबिश दे दी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी को रिश्वत की रकम 10 हजार रुपए के साथ रंगे हाथों लोकायुक्त की टीम ने दबोच लिया। जनपद पंचायत करकेली के कार्यालय में हुई लोकायुक्त की ट्रेपिंग कार्रवाई से हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई। यहां पर यह बता दें कि सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी का बोलवाला है। लोकायुक्त की लगातार कार्रवाईयों को अंजाम दिए जाने के बाद भी रिश्वत का चलन थमने का नाम नहीं ले रहा है।

Next Story